( त्रिवेणी) फूलों को अपने रंग और खुशबू पर इठलाते देखा है माली के इक इशारे पर जीवन का त्याग करते देखा है किसी के लिए सर्वस्व समर्पण ही तो प्रेम है ©Author Mun.
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