जल देता कल जिस तरहा, करके कंठ को तर | देती सुकूँ वैसे मुझे, याद आ के अक्सर || गीत तुम्हारे गाऊंगा, जब तक तन में प्राण | सबसे बड़ा मेरे प्यार का, ये भी एक प्रमा.
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