निकल चुका हूं मौत की मंजिल पर रास्ता ठोकरों की दीवार है, न जीने की कोई तम्मन्ना बाकी और न ही मेरा किसी से कोई नाता है! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #.
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