वा को दिखे ना म्हारी उदासी के उनके दरस को कितनी मैं प्यासी.....
सारी दुनियां लागे माटी....बस के प्यारी लागे
वा के चरण कि साटि.........
वा कि मुरत भले हैँ नाटी पर सोहे वा पे
कानन कुण्डल खाटी.........
वह को वा को दिखे ना म्हारी उदासी के उनके दरस को कितनी मैं प्यासी...
मोर मुकुट सोहे, सोहे मुरलिया, गले मे गलहार
मोर मुकुट सोहे,, सोहे मुरलिया,, गले मे सोहे गलहार....
कमर कि करधनिया सबको भाती अधरों कि मुस्कनिया हिय को चुराती
वा को दिखे ना म्हारी उदासी के उनके दरस को कितनी मैं प्यासी.....
नैनो के जो बान लग्यो हैँ हिय पे हालत हैँ गंभीर
नैनो के जो बान लग्यो हैँ हिय पे हालत हैँ गंभीर
के मोसे अब ना धरो जाए धीर ओ कान्हा मोसे ना धरो जाए धीर
अब तो बना ले मोहे अपनी दासी के थारे दरस को अंखिया प्यासी.....
क्यों तोहे को दिखे ना म्हारी उदासी के थारे दरस को कितनी मैं प्यासी
😞😞😞😞😞
म्हारे राधा रमन
©priyanka Thakur
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