हुस्न-ए-दीद के सबब जब इश्क़ बेशुमार हो जाता है , धड़कने तेज़ हो जाती है साँस लेना दुश्वार हो जाता है ... ©Arshu.... हुस्न-ए-दीद के सबब जब इश्क़ बेशुमार हो.
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