सावन की हरी-हरी चूड़ियाँ सावन की हरी-हरी चूड़ियाँ, सजें हथेली पर हर बार। बजती हैं जब ये चूड़ियाँ, मन में उठे प्रेम का ज्वार। हरी-हरी ये चूड़ियाँ प्यारी.
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