हम रास्ते में खड़ी इमारत को मंजिल और चमकने वाले पत्थर को सोना समझ बैठे वो तो दिल के रिश्ते को समझ ना सके और हम उनको खुदा समझ बैठे। ©Digamber Ojha.
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