इसी क्षितिज पर डूब जाते हैं सितारे, यहीं से दिन रात में बदल जाते हैं। इसी परिवर्तन से चलती है दुनिया, ऐसे ही इंसान भी बिछड़ जाते हैं। ©Prashant Nigam #Star #.
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