कभी- कभी इंसान सच मे थक जाता है। खामोश रहते-रहते;दर्द सहते-सहते।। सब्र करते-करते;उमीद रखते-रखते।। रिश्ते निभाते-निभाते;सफाई देते-देते।। और अपनो को मनाते-मनाते।।.
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