आज की रात अपने आगोश में आ लेने दो, बर्फ जो जमी है कब से , पिघल जाने दो... ना छुड़ाओ अपना हाथ, उंगलियों में हथेली समा लेने दो... माथे की बिंदी की जगह अपने लब अं.
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