"उड़ती चिड़िया भी हूँ, मुझपे पहरा भी है, है मयस्सर ख़ुशी, ज़ख्म गहरा भी है। मेरे रब तेरी कैसी है कारीगरी, मुझमें दरिया भी है.
1 Stories
Latest
Popular
Video
"उड़ती चिड़िया भी हूँ,
मुझपे पहरा भी है,
है मयस्सर ख़ुशी,
ज़ख्म गहरा भी है।
मेरे रब तेरी कैसी है कारीगरी,
मुझमें दरिया भी है,
मुझमें सहरा भी है।"
- मुमताज़ नसीम
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here