हर लम्हा तक़रीर उनसे, इश्क़ उनसे ,नाराज़गी उनसे उन्होंने हमें खैरात समझ कर नीलाम कर ही दिया था, हमारा खरीद-दार न मिला, तो हम बेकार हो गए ग़ैरों के जैसे! #Silence.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here