न है घर का रिश्ता , न है खून का रिश्ता मानो जैसे है वो मेरा फरिश्ता , उसके जितना कोई समझ ना पाता ऐसा दोस्त कभी इतफाक नहीं होता कभी डाटा , कभी मनाया , कभी हस.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here