।।...माँ...।।
माँ तु ममता का सागर है प्यार का दरिया है
मुझे इस खूबसूरत संसार मे लाने का,
एक अनूठा जरिया है
बड़े प्यार से तुमने मुझे पाला है
बड़े ऐतबार से तुमने मुझे,
ज़िंदगी के हर मोड़ पर सम्भाला है
तुमने दी मुझे ज़िंदगी की हर खुशी,
जितना हो सका उतना दूर ले गई
तुम मेरे हर गम हर पल...
बचपन से ही हर घड़ी तुमने रखा मेरा ध्यान
मेरी हर खुशी मे मुझसे भी पहले,
तुम्हारे चेहरे पे आती है मुस्कान
अच्छा क्या है?
बुरा क्या है?
सही गलत का फर्क़ माँ तुमने ही तो समझाया
मेरी हर उड़ान को ऊँचाई दी तुमने
सही राह दिखाई माँ सिर्फ तुमने
जब ठोकर लगी माँ तुम ही बनी सहारा
हर पल माँ तुमने ही तो सम्भाला
हर रिश्ते मे मिलावट देखी माँ
पर तुम्हारे चेहरे पर कभी न थकावट देखी
रातों की नींद क़ुर्बान की तुमने
मुझे चैन से सुलाने मे
शायद ये मैने तुम्हे पहले कभी नही
कहा होगा माँ पर आज कहती हूँ-
"तुम कहती होना मैं तुम्हारा चाँद हूँ
लेकिन इस चाँद को रोशनी दी माँ तुमने
मेरे सपनों को पूरा किया माँ सिर्फ और सिर्फ तुमने"
माँ तुम्हारे लिए कुछ भी लिखूं वो कम है
बस आज मैं जो कुछ भी हूँ तुम्हारे संघर्ष का फल है..
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