बहन के सपनों की डोली सजी ही थी कि, उम्मीदों का ज़नाज़ा उठ गया... पास अनजाना साया पाकर, वो शरीर फिर ठिठुर गया ।। #बेटिबचओबेटीपढ़ाओ #बेटियाँ #प्रियंकारेड्डी #उन्नाव.
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