#बंद#मुट्ठी#रेत#सी
बस देखती रही तुझे दूर से
रेत बह रही हो बंद मुट्ठी सी
जिंदगी चल रही थी बंद मुट्ठी सी
पकड़ने की कोशिश करती
तो बिखरने लगती
जब मैं सब को भूलकर
मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती
ग़द्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती
बैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो है
सहमी-सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो है
सबसे ख़तरनाक नहीं होता
कपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना बुरा तो है
जुगनुओं की लौ में पढ़ना
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