Read in Caption,👇👇
मायूसी से नहीं शादमा होकर रहा जाए,चलिए फिर से हयात को जिंदादिली से जिया जाए/१
मुद्दतों पहले जिस काशाना में वो रहा करते थे,चलिए उसी दरवाजे पे,फिर से दस्तक दी जाए//२
जिन दरीचो से वो निहारा करते थे अक्सर मुझे,चलिए उन्ही दरीचो को फिर से संवारा जाए//३
फिलहाल मुअत्तर है अभी तक वो कुंचाए काशाना, चलिए उसी खुशबू को अपनी रूह में उतारा जाए//४
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here