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White ग़ज़ल ख़ाक़ से ही तुम्हें बनाया है ख़ाक़ में ही तुम्हें मिलाया है देश को आगे क्या बढ़ाया है उसने बीड़ा अगर उठाया है साथ सबका वो दे नहीं सकता उसने फरमान ये सुनाया है खोखला हो रहा वतन मेरा क्या यही देश को बढ़ाया है जब से बैठा यही किया उसने शिर्फ नफ़रत को ही बढ़ाया है मैं यकीं क्यों करूँ किसी पर भी धोखा अपनों से मैने खाया है बैर रखता नहीं किसी से मैं हाँथ हर ऐक से मिलाया है बस उसी राह पर चलेंगे हम जो भी उसने हमें बताया है ये सियासत का खेल है "हरदीन" भाई अपना यहाँ पराया है चौधरी हरदीन कूकना ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#शायरी #GoodNight #गजल  White ग़ज़ल 

ख़ाक़ से ही तुम्हें बनाया है 
ख़ाक़ में ही तुम्हें मिलाया है 

देश को आगे क्या बढ़ाया है 
उसने बीड़ा अगर उठाया है 

साथ सबका वो दे नहीं सकता 
उसने फरमान ये सुनाया है 

खोखला हो रहा वतन मेरा 
क्या यही देश को बढ़ाया है 

जब से बैठा यही किया उसने 
शिर्फ नफ़रत को ही बढ़ाया है 

मैं यकीं क्यों करूँ किसी पर भी 
धोखा अपनों से मैने खाया है 

बैर रखता नहीं किसी से मैं 
हाँथ हर ऐक से मिलाया है 

बस उसी राह पर चलेंगे हम 
जो भी उसने हमें बताया है 

ये सियासत का खेल है "हरदीन"
भाई अपना यहाँ पराया है 

चौधरी हरदीन कूकना

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#GoodNight #गजल 'दर्द भरी शायरी'

14 Love

तेरे ही रूप को आखों में भर रहे है हम तू ही बता कि कोई भूल कर रहे है हम। सफर तमाम हुआ जब तो यह ख्याल आया कि एक उम्र न जाने किधर रहे है हम। बड़े अदब से जो झुक कर सलाम करता है उस शख्स से क्यूं आज डर रहे है हम। जिधर भी देखे कही आद‌मी नहीं मिलता ये कैसा शहर है जिससे गुजर रहे है हम। करो न रंज तुम्हारा जो साथ न दे सके खुद अपने आप के कब हमसफर रहे है हम। खुद अपने आप से गाफिल रहे मगर रमजानी तुम्हारी याद में कब बेखबर रहे है हम। 4/10/15 ©MSA RAMZANI

 तेरे ही रूप को आखों में भर रहे है हम 
तू ही बता कि कोई भूल कर रहे है हम।

सफर तमाम हुआ जब तो यह ख्याल आया 
कि एक उम्र न जाने किधर रहे है हम।

बड़े अदब से जो झुक कर सलाम करता है 
उस शख्स से क्यूं आज डर रहे है हम।

जिधर भी देखे कही आद‌मी नहीं मिलता 
ये कैसा शहर है जिससे गुजर रहे है हम।

करो न रंज तुम्हारा जो साथ न दे सके 
खुद अपने आप के कब हमसफर रहे है हम।

खुद अपने आप से गाफिल रहे मगर रमजानी 
तुम्हारी याद में कब बेखबर रहे है हम।
4/10/15

©MSA RAMZANI

गजल

14 Love

पल में दूर हो जाती है जात अधूरी हो जाती है आखों में नींद नहीं आती रात पूरी हो जाती है पहले तो होती है चाहत फिर मजबूरी हो जाती है कुछ लोगों की पल भर मे ख्वाहिशे पूरी हो जाती है हद से प्यार गुजर जाये तो अक्सर दूरी हो जाती है 8/10/15 ©MSA RAMZANI

 पल में दूर हो जाती है 
जात अधूरी हो जाती है

आखों में नींद नहीं आती 
रात पूरी हो जाती है

पहले तो होती है चाहत 
फिर मजबूरी हो जाती है

कुछ लोगों की पल भर मे 
ख्वाहिशे पूरी हो जाती है

हद से प्यार गुजर जाये तो 
अक्सर दूरी हो जाती है
8/10/15

©MSA RAMZANI

गजल

16 Love

White मुन्तजिर सब मेरे जवाल के है मेरे अपने भी क्या कमाल के है दोस्तो को समझ नहीं पाया ये सबब ही मेरे मलाल के है एक दिन में चमन नही खिलता जख्म ये जाने कितने साल के है खुश्बु एक चारसू है बिखरी हुई गालिबन दिन यही विसाल के है इश्क बदनाम मुफ्त में ही हुआ जलवे सब हुस्न और जमाल के है रंग तहजीब और जबान अलग पंछी लेकिन सब एक ही डाल के है तेरी यादो का शुक्रिया ऐ दोस्त हिज्र में भी मजे विसाल के है बरकते तो है लाजमी रमजानी मेरे पैसे भी तो हलाल के है 6/8/15 ©MSA RAMZANI

 White  मुन्तजिर सब मेरे जवाल के है 
मेरे अपने भी क्या कमाल के है

दोस्तो को समझ नहीं पाया 
ये सबब ही मेरे मलाल के है

एक दिन में चमन नही खिलता 
जख्म ये जाने कितने साल के है

खुश्बु एक चारसू है बिखरी हुई 
गालिबन दिन यही विसाल के है

इश्क बदनाम मुफ्त में ही हुआ 
जलवे सब हुस्न और जमाल के है

रंग तहजीब और जबान अलग 
पंछी लेकिन सब एक ही डाल के है

तेरी यादो का शुक्रिया ऐ दोस्त 
हिज्र में भी मजे विसाल के है

बरकते तो है लाजमी रमजानी 
मेरे पैसे भी तो हलाल के है
6/8/15

©MSA RAMZANI

गजल

16 Love

Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari

#शायरी  Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना 
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। 

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे 
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। 

इशारों में समझाना बहुत कर लिया 
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। 

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को 
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। 

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू 
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। 

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने 
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।

©Mohan Sardarshahari

# गजल

13 Love

White गजल सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है, घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है। सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते, जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है। लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले, जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है। नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली, जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है। हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया, अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है। जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे, अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है। ©Ashok Verma "Hamdard"

#शायरी  White गजल

सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है,
घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है।

सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते,
जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है।

लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले,
जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है।

नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली,
जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है।

हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया,
अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है।

जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे,
अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है।

©Ashok Verma "Hamdard"

गजल

11 Love

White ग़ज़ल ख़ाक़ से ही तुम्हें बनाया है ख़ाक़ में ही तुम्हें मिलाया है देश को आगे क्या बढ़ाया है उसने बीड़ा अगर उठाया है साथ सबका वो दे नहीं सकता उसने फरमान ये सुनाया है खोखला हो रहा वतन मेरा क्या यही देश को बढ़ाया है जब से बैठा यही किया उसने शिर्फ नफ़रत को ही बढ़ाया है मैं यकीं क्यों करूँ किसी पर भी धोखा अपनों से मैने खाया है बैर रखता नहीं किसी से मैं हाँथ हर ऐक से मिलाया है बस उसी राह पर चलेंगे हम जो भी उसने हमें बताया है ये सियासत का खेल है "हरदीन" भाई अपना यहाँ पराया है चौधरी हरदीन कूकना ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#शायरी #GoodNight #गजल  White ग़ज़ल 

ख़ाक़ से ही तुम्हें बनाया है 
ख़ाक़ में ही तुम्हें मिलाया है 

देश को आगे क्या बढ़ाया है 
उसने बीड़ा अगर उठाया है 

साथ सबका वो दे नहीं सकता 
उसने फरमान ये सुनाया है 

खोखला हो रहा वतन मेरा 
क्या यही देश को बढ़ाया है 

जब से बैठा यही किया उसने 
शिर्फ नफ़रत को ही बढ़ाया है 

मैं यकीं क्यों करूँ किसी पर भी 
धोखा अपनों से मैने खाया है 

बैर रखता नहीं किसी से मैं 
हाँथ हर ऐक से मिलाया है 

बस उसी राह पर चलेंगे हम 
जो भी उसने हमें बताया है 

ये सियासत का खेल है "हरदीन"
भाई अपना यहाँ पराया है 

चौधरी हरदीन कूकना

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#GoodNight #गजल 'दर्द भरी शायरी'

14 Love

तेरे ही रूप को आखों में भर रहे है हम तू ही बता कि कोई भूल कर रहे है हम। सफर तमाम हुआ जब तो यह ख्याल आया कि एक उम्र न जाने किधर रहे है हम। बड़े अदब से जो झुक कर सलाम करता है उस शख्स से क्यूं आज डर रहे है हम। जिधर भी देखे कही आद‌मी नहीं मिलता ये कैसा शहर है जिससे गुजर रहे है हम। करो न रंज तुम्हारा जो साथ न दे सके खुद अपने आप के कब हमसफर रहे है हम। खुद अपने आप से गाफिल रहे मगर रमजानी तुम्हारी याद में कब बेखबर रहे है हम। 4/10/15 ©MSA RAMZANI

 तेरे ही रूप को आखों में भर रहे है हम 
तू ही बता कि कोई भूल कर रहे है हम।

सफर तमाम हुआ जब तो यह ख्याल आया 
कि एक उम्र न जाने किधर रहे है हम।

बड़े अदब से जो झुक कर सलाम करता है 
उस शख्स से क्यूं आज डर रहे है हम।

जिधर भी देखे कही आद‌मी नहीं मिलता 
ये कैसा शहर है जिससे गुजर रहे है हम।

करो न रंज तुम्हारा जो साथ न दे सके 
खुद अपने आप के कब हमसफर रहे है हम।

खुद अपने आप से गाफिल रहे मगर रमजानी 
तुम्हारी याद में कब बेखबर रहे है हम।
4/10/15

©MSA RAMZANI

गजल

14 Love

पल में दूर हो जाती है जात अधूरी हो जाती है आखों में नींद नहीं आती रात पूरी हो जाती है पहले तो होती है चाहत फिर मजबूरी हो जाती है कुछ लोगों की पल भर मे ख्वाहिशे पूरी हो जाती है हद से प्यार गुजर जाये तो अक्सर दूरी हो जाती है 8/10/15 ©MSA RAMZANI

 पल में दूर हो जाती है 
जात अधूरी हो जाती है

आखों में नींद नहीं आती 
रात पूरी हो जाती है

पहले तो होती है चाहत 
फिर मजबूरी हो जाती है

कुछ लोगों की पल भर मे 
ख्वाहिशे पूरी हो जाती है

हद से प्यार गुजर जाये तो 
अक्सर दूरी हो जाती है
8/10/15

©MSA RAMZANI

गजल

16 Love

White मुन्तजिर सब मेरे जवाल के है मेरे अपने भी क्या कमाल के है दोस्तो को समझ नहीं पाया ये सबब ही मेरे मलाल के है एक दिन में चमन नही खिलता जख्म ये जाने कितने साल के है खुश्बु एक चारसू है बिखरी हुई गालिबन दिन यही विसाल के है इश्क बदनाम मुफ्त में ही हुआ जलवे सब हुस्न और जमाल के है रंग तहजीब और जबान अलग पंछी लेकिन सब एक ही डाल के है तेरी यादो का शुक्रिया ऐ दोस्त हिज्र में भी मजे विसाल के है बरकते तो है लाजमी रमजानी मेरे पैसे भी तो हलाल के है 6/8/15 ©MSA RAMZANI

 White  मुन्तजिर सब मेरे जवाल के है 
मेरे अपने भी क्या कमाल के है

दोस्तो को समझ नहीं पाया 
ये सबब ही मेरे मलाल के है

एक दिन में चमन नही खिलता 
जख्म ये जाने कितने साल के है

खुश्बु एक चारसू है बिखरी हुई 
गालिबन दिन यही विसाल के है

इश्क बदनाम मुफ्त में ही हुआ 
जलवे सब हुस्न और जमाल के है

रंग तहजीब और जबान अलग 
पंछी लेकिन सब एक ही डाल के है

तेरी यादो का शुक्रिया ऐ दोस्त 
हिज्र में भी मजे विसाल के है

बरकते तो है लाजमी रमजानी 
मेरे पैसे भी तो हलाल के है
6/8/15

©MSA RAMZANI

गजल

16 Love

Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari

#शायरी  Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना 
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। 

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे 
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। 

इशारों में समझाना बहुत कर लिया 
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। 

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को 
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। 

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू 
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। 

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने 
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।

©Mohan Sardarshahari

# गजल

13 Love

White गजल सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है, घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है। सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते, जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है। लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले, जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है। नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली, जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है। हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया, अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है। जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे, अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है। ©Ashok Verma "Hamdard"

#शायरी  White गजल

सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है,
घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है।

सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते,
जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है।

लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले,
जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है।

नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली,
जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है।

हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया,
अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है।

जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे,
अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है।

©Ashok Verma "Hamdard"

गजल

11 Love

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