White कल रात मेरी खिड़की पर आ कर पसर गया चाँद
मैंने कहा जाने को तो बिफर गया चाँद,
मालूम था वो रोयेगा देख कर
फिर क्यूं उसको मिलने उधर गया चाँद
बेवफ़ाओं की फेहरिस्त बहुत लंबी है पढ़ते पढ़ते डर गया चाँद
चाँदनी तो साया है उसका फिर क्यों चमकने से मुकर गया चाँद
किसी को यूं चाहो कि उसको ख़बर तक न हो
कहते कहते सिहर गया चाँद
गांव के पीपल पे रोशनी को टिका
उम्र भर के लिए शहर गया चाँद
उसने एक दिन कहा ये चाँद तेरे माथे का झूमर है
चाँद तो चाँद था, इतर गया चाँद
मत कहो उस से तू सिर्फ मेरा चाँद है
बारात ले के सब के ही घर गया चाँद
रात से ही गुलाबों की पत्तियाँ नीलीं थीं
अब पता चला कैसे निखर गया चाँद,
कल ही उसने मुझसे कहा था कोई किसीके लिए नहीं मरता
और अल सुबह झील मे डूब के मर गया चाँद !!
©Ahsas83
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