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New करनैल राणा के पहाड़ी गीत Status, Photo, Video

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#विचार #RadheGovinda

#RadheGovinda भक्ति गीत गीत

144 View

#कविता

मैं पवन जैन अपने एक गीत के साथ..गीत के बोल हैं........ "प्रिय कभी तो आकर देखो.. उस मोलसरी के पेड़ तले!"

99 View

#कविता #गीत  
अंग अंग है अभ्र सी आभा 
                 कंठ सुराहीदार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
               मोह लियो संसार..

श्यामल श्यामल केश तुम्हारे 
पवन रही लिपटाय 
जैसे जनम जनम की प्यासी 
बिरहन राग लगाय
मस्त मस्त दो नयनकमल 
उनमे कजरे की धार 
तरस रहे हैं कब मिल जाये
एक झलक दीदार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

रंग गुलाबी लिये अधर जब 
तनक भरें मुस्कान 
सम्मोहन की कला दिखाकर 
घायल करे जहान 
जिस पथ को बढ़ जाओ तुम
हो लाखों दिल कुर्बान 
बाम गाल में इसीलिए तिल 
नज़र करे न वार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

बिन सोलह श्रृंगार तुम्हारा 
कंचन बदन कमाल 
नखशिख ऐसी शोभा तेरी 
नज़र पड़े वो निहाल 
एक तुम्हीं हो रुप की रानी 
बाकी सब कंगाल 
जिसको नज़र उठाकर देखो 
जीवन जाये हार..
चंद्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

©अज्ञात

#गीत

243 View

White गुलाब खिल बेर मुरझैं जांछ जिसम जवानी तकै भल लागूंछ बुढ़ियन बघत सूकिल ल्वत झुरि जांछ। प्रेम समायी हूण चैंहैछ दिल से दिल में। पितौ पाणि चढ़ि सून द्वि दिन में बगि जांछ। असली नकली कौ भेद लै जरुरी छा, बिन पछ्याण प्रेम नी है स्कून, यैक्कै लीजि पपीहा को प्यास, आश आसमान छू। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#कुमाऊनी #पहाड़ी #कविता #flowers #kumauni  White गुलाब खिल बेर मुरझैं जांछ
जिसम जवानी तकै भल लागूंछ बुढ़ियन बघत सूकिल ल्वत झुरि जांछ।
प्रेम समायी हूण चैंहैछ
दिल से दिल में।
पितौ पाणि चढ़ि सून 
द्वि दिन में बगि जांछ।
असली नकली कौ भेद लै जरुरी छा,
बिन पछ्याण प्रेम नी है स्कून,
यैक्कै लीजि पपीहा को प्यास,
आश आसमान छू।

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"
#SAD  कहा कहा समेटु तुझे ये जिंदगी||

🍁

जहाँ जहाँ देखु बिखरी पड़ी है||

©geet

गीत

99 View

रास्ता सुनसान जैसा, युद्ध के मैदान जैसा, वेदना करती कवायद, वक़्त इम्तिहान जैसा, कामना की चाह में दिल, जल रहा लोबान जैसा, ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, बदलते ईमान जैसा, करूँ निगरानी कृषक सा, खेत में मचान जैसा, मिले पलभर का सुकूँ भी, गाँव के दालान जैसा, मीत ऐसा मिला 'गुंजन', गीत के उन्वान जैसा, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #गीत  रास्ता  सुनसान  जैसा, 
युद्ध  के  मैदान  जैसा,

वेदना  करती  कवायद, 
वक़्त  इम्तिहान  जैसा,

कामना की चाह में दिल, 
जल रहा लोबान जैसा,

ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, 
बदलते    ईमान    जैसा,

करूँ निगरानी कृषक सा, 
खेत   में    मचान   जैसा,

मिले पलभर का सुकूँ भी,
गाँव   के   दालान  जैसा,

मीत  ऐसा  मिला 'गुंजन', 
गीत   के  उन्वान   जैसा,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
     समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#गीत के उन्वान जैसा#

12 Love

#विचार #RadheGovinda

#RadheGovinda भक्ति गीत गीत

144 View

#कविता

मैं पवन जैन अपने एक गीत के साथ..गीत के बोल हैं........ "प्रिय कभी तो आकर देखो.. उस मोलसरी के पेड़ तले!"

99 View

#कविता #गीत  
अंग अंग है अभ्र सी आभा 
                 कंठ सुराहीदार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
               मोह लियो संसार..

श्यामल श्यामल केश तुम्हारे 
पवन रही लिपटाय 
जैसे जनम जनम की प्यासी 
बिरहन राग लगाय
मस्त मस्त दो नयनकमल 
उनमे कजरे की धार 
तरस रहे हैं कब मिल जाये
एक झलक दीदार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

रंग गुलाबी लिये अधर जब 
तनक भरें मुस्कान 
सम्मोहन की कला दिखाकर 
घायल करे जहान 
जिस पथ को बढ़ जाओ तुम
हो लाखों दिल कुर्बान 
बाम गाल में इसीलिए तिल 
नज़र करे न वार..
चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

बिन सोलह श्रृंगार तुम्हारा 
कंचन बदन कमाल 
नखशिख ऐसी शोभा तेरी 
नज़र पड़े वो निहाल 
एक तुम्हीं हो रुप की रानी 
बाकी सब कंगाल 
जिसको नज़र उठाकर देखो 
जीवन जाये हार..
चंद्रमुखी क्या रूप तुम्हारा 
मोह लियो संसार..

©अज्ञात

#गीत

243 View

White गुलाब खिल बेर मुरझैं जांछ जिसम जवानी तकै भल लागूंछ बुढ़ियन बघत सूकिल ल्वत झुरि जांछ। प्रेम समायी हूण चैंहैछ दिल से दिल में। पितौ पाणि चढ़ि सून द्वि दिन में बगि जांछ। असली नकली कौ भेद लै जरुरी छा, बिन पछ्याण प्रेम नी है स्कून, यैक्कै लीजि पपीहा को प्यास, आश आसमान छू। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#कुमाऊनी #पहाड़ी #कविता #flowers #kumauni  White गुलाब खिल बेर मुरझैं जांछ
जिसम जवानी तकै भल लागूंछ बुढ़ियन बघत सूकिल ल्वत झुरि जांछ।
प्रेम समायी हूण चैंहैछ
दिल से दिल में।
पितौ पाणि चढ़ि सून 
द्वि दिन में बगि जांछ।
असली नकली कौ भेद लै जरुरी छा,
बिन पछ्याण प्रेम नी है स्कून,
यैक्कै लीजि पपीहा को प्यास,
आश आसमान छू।

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"
#SAD  कहा कहा समेटु तुझे ये जिंदगी||

🍁

जहाँ जहाँ देखु बिखरी पड़ी है||

©geet

गीत

99 View

रास्ता सुनसान जैसा, युद्ध के मैदान जैसा, वेदना करती कवायद, वक़्त इम्तिहान जैसा, कामना की चाह में दिल, जल रहा लोबान जैसा, ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, बदलते ईमान जैसा, करूँ निगरानी कृषक सा, खेत में मचान जैसा, मिले पलभर का सुकूँ भी, गाँव के दालान जैसा, मीत ऐसा मिला 'गुंजन', गीत के उन्वान जैसा, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #गीत  रास्ता  सुनसान  जैसा, 
युद्ध  के  मैदान  जैसा,

वेदना  करती  कवायद, 
वक़्त  इम्तिहान  जैसा,

कामना की चाह में दिल, 
जल रहा लोबान जैसा,

ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, 
बदलते    ईमान    जैसा,

करूँ निगरानी कृषक सा, 
खेत   में    मचान   जैसा,

मिले पलभर का सुकूँ भी,
गाँव   के   दालान  जैसा,

मीत  ऐसा  मिला 'गुंजन', 
गीत   के  उन्वान   जैसा,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
     समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#गीत के उन्वान जैसा#

12 Love

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