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बीज की तरह होते हैं विचार, जैसा बीज बोओगे वैसा ही फल मिलेगा . ©Mukesh Poonia

 बीज की तरह होते हैं विचार,
जैसा बीज बोओगे वैसा ही फल मिलेगा



















.

©Mukesh Poonia

#Flower #बीज की तरह होते हैं #विचार, जैसा #बीज बोओगे वैसा ही #फल मिलेगा नये अच्छे विचार आज का विचार नये अच्छे विचार बेस्ट सुविचार अनमोल विचा

32 Love

White उस पुरने खंडित शिवाले मे अभी भी वही पुराने मंत्र और पुराने साज़ बजा कर पूजा अर्चना हो रहीं है जबकि सारे बंदे जानते है कि इस शिवाले का देवता यहां अब रहता ही नही है ©Parasram Arora

#कविता  White उस पुरने खंडित शिवाले मे अभी भी 
वही पुराने मंत्र और पुराने साज़ बजा कर पूजा अर्चना हो रहीं है 

जबकि   सारे बंदे जानते है 
 कि इस शिवाले का देवता यहां अब रहता ही नही है

©Parasram Arora

पुराने मंत्र

18 Love

#मोटिवेशनल #digitalyoddha #jansuraaj

जन सुराज पार्टी के शिक्षा का मंत्र। #jansuraaj #digitalyoddha #jansuraaj

99 View

#मंत्र #भक्ति #mantra  🚩 दुख दूर करने वाला मंत्र

White थोड़ा मैं सोना चाहूँगा, स्वप्न बीज बोना चाहूँगा, उम्र क़ैद से मिली रिहाई, तेरा मैं होना चाहूँगा, काँधे पर सिर रखके पारो, जी भरकर रोना चाहूँगा, अंग संग होकर प्रेमी के, मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा, महाकुंभ में पाप जहां का, गंगा में धोना चाहूँगा, नफ़रत की दीवार तोड़कर, दिल में इक कोना चाहूँगा, कजरारे नैनों का 'गुंजन', फिर जादू-टोना चाहूँगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#स्वप्न #कविता  White थोड़ा  मैं  सोना चाहूँगा, 
स्वप्न बीज बोना चाहूँगा,

उम्र क़ैद से मिली रिहाई, 
तेरा   मैं   होना  चाहूँगा,

काँधे पर सिर रखके पारो, 
जी भरकर  रोना चाहूँगा,

अंग संग होकर  प्रेमी के, 
मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा,

महाकुंभ में पाप जहां का, 
गंगा   में   धोना   चाहूँगा,

नफ़रत की दीवार तोड़कर, 
दिल में इक कोना चाहूँगा,

कजरारे  नैनों का  'गुंजन',
फिर  जादू-टोना   चाहूँगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#स्वप्न बीज बोना चाहूँगा#

9 Love

#शायरी  White एक तोता होता है वो सोचता है 
कास मैं भी कभी पिंजरे के उस पार खुली आसमान में अपना पंख फैला पाता 
तभी अचानक पिंजरा जमीन पर धड़ाम से गिरता है 
दरवाजा जो पिंजरे में लगा था वो टूट जाता है 
और पंछी आजाद हो जाता है 
वो बाहर निकलता है अपने पंखों को पूरी शक्ति से फड़फड़ाता है 
और खुली आसमान में निकल जाता है 
पूरे दिन वो उधर से इधर,इधर से उधर उड़ता रहता है 
और शाम होते ही एक वृक्ष के डाल में बैठ जाता है 
उस दिन वो बड़े सुकून से पेड़ के डाल में ऐसे सो जाता है 
जैसे एक शिशु अपने मां के गोद में
थोड़ी देर बाद तोता पेड़ में लगे फलों को खाने लगता है 
थोड़ा आम का थोड़ा जामुन का तो बेर का फल 
खा खा के मौज से नीचे गिरा रहा होता है 
भूख भी तो जोरो की था खाने का इतना वैरेटी देख वो बड़ा प्रसन्न रहता है 
पर इसला सुकून ज्यादा वक्त का नही होता  
सुबह होते ही उस पेड़ के पास एक माली आता है 
उसकी आने की आहट सुन तोता तुरंत वहा से 
दूर एक कुटिया में जाकर बैठ जाता है 
तभी उसकी नजर एक बच्चे पे पड़ता है 
जो भूख से बिखला रहा होता है मां से खाने की जिद करता है 
मां भी कहती है रुक जा बेटा थोड़ी देर गुजर जाने दे अभी पानी पीले थोड़ा दिन को और ढल जाने दे फिर खा लेना बच्चा कहता है क्यों मां 
मां कहती है बेटा रोटी एक है दिन पूरे 24 घंटे का है अभी खा लेगा तो बाद में भूख लगेगी तो क्या खायेगा
 उनकी इस बात को सुन तोता द्वंद में पड़ जाता है
सोचता है भगवान इनके पास आजादी है पर खाने को खाना नही 
मेरे पास खाना है पर जीवन में आजादी नहीं 
मैं सोच रहा था आजाद है वो कितने सुखी है 
पर इनके भूख को देख मुझे मेरा गुलामी ही प्रिय लग रहा
तभी मां रोटी का छोटा सा टुकड़ा तोते की ओर फेंकता है 
तोता यह देख चौंक जाता है चौकने का बात ही था 
जेब भरी हो तो दान करना आसान होता है 
खाली हो तो उतनी ही कठिन
पर यह कठिन कार्य मां कितने सहज भाव से कर दी 
तोता से रहा नही गया तोता ने मां से पूछ लिया 
मां भूखी तो तुम भी हो ये रोटी का निवाला तुम भी तो खा सकते थे पर तुमने मुझे क्यों दिया 
मां मुस्कुराई और बोली बेटा पेट चाहे इंसान का हो या पंछी का भूख तो सबको लगती है 
और रही बात मेरे भूख की तो ऊपर वाला उसे भी भर देगा इतना सुन तोता के आंखो में आशु आने लगता है इतने में 
दहलीज में उसका पति का आना  होता 
गमछे में कुछ बांध रखा होता है जब वो गमछा खोलता है उसमें से बहुत सारे मीठे मीठे फल निकलते हैं पर सभी फलों में एक समानता होती है उस फल को कोई थोड़ा थोड़ा खाकर छोड़ दिया होता है 
तोता की नजर मां के पति पर पड़ता है वो वही माली होता है जिसे देख वो भागा था 
और वो वही फल होता जिसे खाकर तोता ने छोड़ दिया था 
इस दृश्य को देख तोता को यकीन हो जाता है के जो दोगे तुम्हे वही मिलेगा

©@DeepTalk

तोता को मिला जीवन का मूल मंत्र#sad_shayari

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बीज की तरह होते हैं विचार, जैसा बीज बोओगे वैसा ही फल मिलेगा . ©Mukesh Poonia

 बीज की तरह होते हैं विचार,
जैसा बीज बोओगे वैसा ही फल मिलेगा



















.

©Mukesh Poonia

#Flower #बीज की तरह होते हैं #विचार, जैसा #बीज बोओगे वैसा ही #फल मिलेगा नये अच्छे विचार आज का विचार नये अच्छे विचार बेस्ट सुविचार अनमोल विचा

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White उस पुरने खंडित शिवाले मे अभी भी वही पुराने मंत्र और पुराने साज़ बजा कर पूजा अर्चना हो रहीं है जबकि सारे बंदे जानते है कि इस शिवाले का देवता यहां अब रहता ही नही है ©Parasram Arora

#कविता  White उस पुरने खंडित शिवाले मे अभी भी 
वही पुराने मंत्र और पुराने साज़ बजा कर पूजा अर्चना हो रहीं है 

जबकि   सारे बंदे जानते है 
 कि इस शिवाले का देवता यहां अब रहता ही नही है

©Parasram Arora

पुराने मंत्र

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#मोटिवेशनल #digitalyoddha #jansuraaj

जन सुराज पार्टी के शिक्षा का मंत्र। #jansuraaj #digitalyoddha #jansuraaj

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#मंत्र #भक्ति #mantra  🚩 दुख दूर करने वाला मंत्र

White थोड़ा मैं सोना चाहूँगा, स्वप्न बीज बोना चाहूँगा, उम्र क़ैद से मिली रिहाई, तेरा मैं होना चाहूँगा, काँधे पर सिर रखके पारो, जी भरकर रोना चाहूँगा, अंग संग होकर प्रेमी के, मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा, महाकुंभ में पाप जहां का, गंगा में धोना चाहूँगा, नफ़रत की दीवार तोड़कर, दिल में इक कोना चाहूँगा, कजरारे नैनों का 'गुंजन', फिर जादू-टोना चाहूँगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#स्वप्न #कविता  White थोड़ा  मैं  सोना चाहूँगा, 
स्वप्न बीज बोना चाहूँगा,

उम्र क़ैद से मिली रिहाई, 
तेरा   मैं   होना  चाहूँगा,

काँधे पर सिर रखके पारो, 
जी भरकर  रोना चाहूँगा,

अंग संग होकर  प्रेमी के, 
मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा,

महाकुंभ में पाप जहां का, 
गंगा   में   धोना   चाहूँगा,

नफ़रत की दीवार तोड़कर, 
दिल में इक कोना चाहूँगा,

कजरारे  नैनों का  'गुंजन',
फिर  जादू-टोना   चाहूँगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#स्वप्न बीज बोना चाहूँगा#

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#शायरी  White एक तोता होता है वो सोचता है 
कास मैं भी कभी पिंजरे के उस पार खुली आसमान में अपना पंख फैला पाता 
तभी अचानक पिंजरा जमीन पर धड़ाम से गिरता है 
दरवाजा जो पिंजरे में लगा था वो टूट जाता है 
और पंछी आजाद हो जाता है 
वो बाहर निकलता है अपने पंखों को पूरी शक्ति से फड़फड़ाता है 
और खुली आसमान में निकल जाता है 
पूरे दिन वो उधर से इधर,इधर से उधर उड़ता रहता है 
और शाम होते ही एक वृक्ष के डाल में बैठ जाता है 
उस दिन वो बड़े सुकून से पेड़ के डाल में ऐसे सो जाता है 
जैसे एक शिशु अपने मां के गोद में
थोड़ी देर बाद तोता पेड़ में लगे फलों को खाने लगता है 
थोड़ा आम का थोड़ा जामुन का तो बेर का फल 
खा खा के मौज से नीचे गिरा रहा होता है 
भूख भी तो जोरो की था खाने का इतना वैरेटी देख वो बड़ा प्रसन्न रहता है 
पर इसला सुकून ज्यादा वक्त का नही होता  
सुबह होते ही उस पेड़ के पास एक माली आता है 
उसकी आने की आहट सुन तोता तुरंत वहा से 
दूर एक कुटिया में जाकर बैठ जाता है 
तभी उसकी नजर एक बच्चे पे पड़ता है 
जो भूख से बिखला रहा होता है मां से खाने की जिद करता है 
मां भी कहती है रुक जा बेटा थोड़ी देर गुजर जाने दे अभी पानी पीले थोड़ा दिन को और ढल जाने दे फिर खा लेना बच्चा कहता है क्यों मां 
मां कहती है बेटा रोटी एक है दिन पूरे 24 घंटे का है अभी खा लेगा तो बाद में भूख लगेगी तो क्या खायेगा
 उनकी इस बात को सुन तोता द्वंद में पड़ जाता है
सोचता है भगवान इनके पास आजादी है पर खाने को खाना नही 
मेरे पास खाना है पर जीवन में आजादी नहीं 
मैं सोच रहा था आजाद है वो कितने सुखी है 
पर इनके भूख को देख मुझे मेरा गुलामी ही प्रिय लग रहा
तभी मां रोटी का छोटा सा टुकड़ा तोते की ओर फेंकता है 
तोता यह देख चौंक जाता है चौकने का बात ही था 
जेब भरी हो तो दान करना आसान होता है 
खाली हो तो उतनी ही कठिन
पर यह कठिन कार्य मां कितने सहज भाव से कर दी 
तोता से रहा नही गया तोता ने मां से पूछ लिया 
मां भूखी तो तुम भी हो ये रोटी का निवाला तुम भी तो खा सकते थे पर तुमने मुझे क्यों दिया 
मां मुस्कुराई और बोली बेटा पेट चाहे इंसान का हो या पंछी का भूख तो सबको लगती है 
और रही बात मेरे भूख की तो ऊपर वाला उसे भी भर देगा इतना सुन तोता के आंखो में आशु आने लगता है इतने में 
दहलीज में उसका पति का आना  होता 
गमछे में कुछ बांध रखा होता है जब वो गमछा खोलता है उसमें से बहुत सारे मीठे मीठे फल निकलते हैं पर सभी फलों में एक समानता होती है उस फल को कोई थोड़ा थोड़ा खाकर छोड़ दिया होता है 
तोता की नजर मां के पति पर पड़ता है वो वही माली होता है जिसे देख वो भागा था 
और वो वही फल होता जिसे खाकर तोता ने छोड़ दिया था 
इस दृश्य को देख तोता को यकीन हो जाता है के जो दोगे तुम्हे वही मिलेगा

©@DeepTalk

तोता को मिला जीवन का मूल मंत्र#sad_shayari

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