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New नज़रों से गिरना शायरी Status, Photo, Video

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Unsplash ना हाथ पकड़ने से, साथ मिलती है! ना हाथ छोड़ने से, साथ छूटती है!! अगर इश्क है, तो ताउम्र रहेगी! वरना मिलना- बिछड़ना, तो यूं ही लगी रहती है!! ©दिल से दीवानी

 Unsplash ना हाथ पकड़ने से,
साथ मिलती है!
ना हाथ छोड़ने से,
साथ छूटती है!!
अगर इश्क है,
तो ताउम्र रहेगी!
वरना मिलना- बिछड़ना,
तो यूं ही लगी रहती है!!

©दिल से दीवानी

#reallove ❤️# शेरो शायरी #शायरी #शायरी❤️से

16 Love

बढ़ गई है आजकल औकात हमारी थाने में कल हुई है दरयाफ़्त हमारी मुंसिफ़ को है मालूम पेशेवर गवाह है शायद करेगा वो ही शनाख़्त हमारी इस झूठ के शहर से परेशान हैं बहुत सच की रही है आदत हज़रात हमारी आदमी होना है अगर जुर्म तो कुबूल और क्या होनी है तहक़ीक़ात हमारी बस्ती है ये प्यार की,आबोहवा बेहतर पूछी न जाए मज़हब ओ जात हमारी एक रोज़ तो सुनें, दिल की ख्वाहिशें एक बार तो पढ़िए दरख़्वास्त हमारी ©Lalit Saxena

#शायरी  बढ़ गई है आजकल औकात हमारी
थाने में कल हुई है दरयाफ़्त हमारी

मुंसिफ़ को है मालूम पेशेवर गवाह है
शायद करेगा वो ही शनाख़्त हमारी

इस झूठ के शहर से परेशान हैं बहुत
सच की रही है आदत हज़रात हमारी

आदमी होना है अगर जुर्म तो कुबूल
और क्या होनी है तहक़ीक़ात हमारी

बस्ती है ये प्यार की,आबोहवा बेहतर
पूछी न जाए मज़हब ओ जात हमारी

एक रोज़ तो सुनें, दिल की ख्वाहिशें 
एक बार तो पढ़िए दरख़्वास्त हमारी

©Lalit Saxena

शायरी दिल से

20 Love

Unsplash ना हाथ पकड़ने से, साथ मिलती है! ना हाथ छोड़ने से, साथ छूटती है!! अगर इश्क है, तो ताउम्र रहेगी! वरना मिलना- बिछड़ना, तो यूं ही लगी रहती है!! ©दिल से दीवानी

 Unsplash ना हाथ पकड़ने से,
साथ मिलती है!
ना हाथ छोड़ने से,
साथ छूटती है!!
अगर इश्क है,
तो ताउम्र रहेगी!
वरना मिलना- बिछड़ना,
तो यूं ही लगी रहती है!!

©दिल से दीवानी

#reallove ❤️# शेरो शायरी #शायरी #शायरी❤️से

16 Love

बढ़ गई है आजकल औकात हमारी थाने में कल हुई है दरयाफ़्त हमारी मुंसिफ़ को है मालूम पेशेवर गवाह है शायद करेगा वो ही शनाख़्त हमारी इस झूठ के शहर से परेशान हैं बहुत सच की रही है आदत हज़रात हमारी आदमी होना है अगर जुर्म तो कुबूल और क्या होनी है तहक़ीक़ात हमारी बस्ती है ये प्यार की,आबोहवा बेहतर पूछी न जाए मज़हब ओ जात हमारी एक रोज़ तो सुनें, दिल की ख्वाहिशें एक बार तो पढ़िए दरख़्वास्त हमारी ©Lalit Saxena

#शायरी  बढ़ गई है आजकल औकात हमारी
थाने में कल हुई है दरयाफ़्त हमारी

मुंसिफ़ को है मालूम पेशेवर गवाह है
शायद करेगा वो ही शनाख़्त हमारी

इस झूठ के शहर से परेशान हैं बहुत
सच की रही है आदत हज़रात हमारी

आदमी होना है अगर जुर्म तो कुबूल
और क्या होनी है तहक़ीक़ात हमारी

बस्ती है ये प्यार की,आबोहवा बेहतर
पूछी न जाए मज़हब ओ जात हमारी

एक रोज़ तो सुनें, दिल की ख्वाहिशें 
एक बार तो पढ़िए दरख़्वास्त हमारी

©Lalit Saxena

शायरी दिल से

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