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कात्यानी माता नवरात्र के छठवें दिन मां कात्यानी की आराधना की जाती है, कात्यान ऋषि की पुत्री होने से मां कात्यानी कहलाती है। चार भुजाओं से सुशोभित माता सिंह पर सवार होकर आती है, इनकी उपासना से कन्याएं मनचाहा वर पाती है। जो भक्त सच्चे दिल से करते हैं मां कात्यानी की आराधना करते हैं, अर्थ धर्म काम और मोक्ष इन चारों की जीवन में प्राप्ति करते हैं। कात्यानी माता को शहद और पीले रंग का भोग अत्यंत भाता है, मां को अक्षत रोली कुमकुम पीले पुष्प और भोग लगाएं, मां कात्यानी की पूजा कर मनवांछित फल जीवन में पाए। ©बेजुबान शायर shivkumar

#कात्यानी #नवरात्रि #आराधना #भक्ति #मोक्ष #navratri2024  कात्यानी माता

नवरात्र के छठवें दिन
 मां कात्यानी की आराधना की जाती है,
कात्यान ऋषि की पुत्री होने से 
मां कात्यानी कहलाती है।

चार भुजाओं से सुशोभित 
माता सिंह पर सवार होकर आती है,
इनकी उपासना से कन्याएं 
मनचाहा वर पाती है।

जो भक्त सच्चे दिल से करते हैं 
मां कात्यानी की आराधना करते हैं,
अर्थ धर्म काम और मोक्ष
 इन चारों की जीवन में प्राप्ति करते हैं।

कात्यानी माता को शहद और 
पीले रंग का भोग अत्यंत भाता है,
मां को अक्षत रोली कुमकुम 
पीले पुष्प और भोग लगाएं,



मां कात्यानी की पूजा कर 
मनवांछित फल जीवन में पाए।

©बेजुबान शायर shivkumar

// मां स्कंदमाता // शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन मां के स्कंद रूप की पूजा की जाती है, भगवान स्कंद की माता होने के कारण स्कंद माता कहलाती है। मां के दो भुजाओं में कमल का फूल रहता है, मां दिल में जगह दे दो अपने हर भक्त यही कहता है। मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है, कुमकुम अक्षत गुड़हल माला चंदन से मां को मनाया जाता है। सिंह पर सवार मां सबके मन को भाती है, सभी भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण कर चतुर्भुजी कहलाती है। सबके मन में भक्ति का भाव भरकर सुख समृद्धि करती है, जो करते हैं दिल से भक्ति मां उनके सारे दुख दूर करती है। ©बेजुबान शायर shivkumar

 // मां स्कंदमाता //

शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन मां के स्कंद रूप की पूजा की जाती है,
भगवान स्कंद की माता होने के कारण स्कंद माता कहलाती है।

मां के दो भुजाओं में कमल का फूल रहता है,
मां दिल में जगह दे दो अपने हर भक्त यही कहता है।

मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है,
कुमकुम अक्षत गुड़हल माला चंदन से मां को मनाया जाता है।

सिंह पर सवार मां सबके मन को भाती है,
सभी भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण कर चतुर्भुजी कहलाती है।

सबके मन में भक्ति का भाव भरकर सुख समृद्धि करती है,
जो करते हैं दिल से भक्ति मां उनके सारे दुख दूर करती है।

©बेजुबान शायर shivkumar

#navratri #navratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navratri2027 #नवरात्रि @puja udeshi @poonam atrey @Sethi Ji @Aariya writer @Kshitija

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कात्यानी माता नवरात्र के छठवें दिन मां कात्यानी की आराधना की जाती है, कात्यान ऋषि की पुत्री होने से मां कात्यानी कहलाती है। चार भुजाओं से सुशोभित माता सिंह पर सवार होकर आती है, इनकी उपासना से कन्याएं मनचाहा वर पाती है। जो भक्त सच्चे दिल से करते हैं मां कात्यानी की आराधना करते हैं, अर्थ धर्म काम और मोक्ष इन चारों की जीवन में प्राप्ति करते हैं। कात्यानी माता को शहद और पीले रंग का भोग अत्यंत भाता है, मां को अक्षत रोली कुमकुम पीले पुष्प और भोग लगाएं, मां कात्यानी की पूजा कर मनवांछित फल जीवन में पाए। ©बेजुबान शायर shivkumar

#कात्यानी #नवरात्रि #आराधना #भक्ति #मोक्ष #navratri2024  कात्यानी माता

नवरात्र के छठवें दिन
 मां कात्यानी की आराधना की जाती है,
कात्यान ऋषि की पुत्री होने से 
मां कात्यानी कहलाती है।

चार भुजाओं से सुशोभित 
माता सिंह पर सवार होकर आती है,
इनकी उपासना से कन्याएं 
मनचाहा वर पाती है।

जो भक्त सच्चे दिल से करते हैं 
मां कात्यानी की आराधना करते हैं,
अर्थ धर्म काम और मोक्ष
 इन चारों की जीवन में प्राप्ति करते हैं।

कात्यानी माता को शहद और 
पीले रंग का भोग अत्यंत भाता है,
मां को अक्षत रोली कुमकुम 
पीले पुष्प और भोग लगाएं,



मां कात्यानी की पूजा कर 
मनवांछित फल जीवन में पाए।

©बेजुबान शायर shivkumar

// मां स्कंदमाता // शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन मां के स्कंद रूप की पूजा की जाती है, भगवान स्कंद की माता होने के कारण स्कंद माता कहलाती है। मां के दो भुजाओं में कमल का फूल रहता है, मां दिल में जगह दे दो अपने हर भक्त यही कहता है। मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है, कुमकुम अक्षत गुड़हल माला चंदन से मां को मनाया जाता है। सिंह पर सवार मां सबके मन को भाती है, सभी भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण कर चतुर्भुजी कहलाती है। सबके मन में भक्ति का भाव भरकर सुख समृद्धि करती है, जो करते हैं दिल से भक्ति मां उनके सारे दुख दूर करती है। ©बेजुबान शायर shivkumar

 // मां स्कंदमाता //

शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन मां के स्कंद रूप की पूजा की जाती है,
भगवान स्कंद की माता होने के कारण स्कंद माता कहलाती है।

मां के दो भुजाओं में कमल का फूल रहता है,
मां दिल में जगह दे दो अपने हर भक्त यही कहता है।

मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है,
कुमकुम अक्षत गुड़हल माला चंदन से मां को मनाया जाता है।

सिंह पर सवार मां सबके मन को भाती है,
सभी भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण कर चतुर्भुजी कहलाती है।

सबके मन में भक्ति का भाव भरकर सुख समृद्धि करती है,
जो करते हैं दिल से भक्ति मां उनके सारे दुख दूर करती है।

©बेजुबान शायर shivkumar

#navratri #navratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navratri2027 #नवरात्रि @puja udeshi @poonam atrey @Sethi Ji @Aariya writer @Kshitija

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