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New जांदा पाई कपिराजु Status, Photo, Video

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#wishes

जैसे राम भगवान ने आज के दिन बुराई पर विजय पाई थी वैसे भगवान भी तुम्हें बुराई पर विजय दिलाएंगे

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#वीडियो #fish

समुंदर की गहराई में पाई जाने वाली मछली #fish

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White मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मेरी प्यारी भाषा हिंदी, भावों को भावों में पिरोकर,जो भावपूर्ण है कर पाई।। निज भाषा उन्नति की द्योतक,अन्य में न जिह्वा रस पाई। हिंदी सिर्फ भाषा नही,ये मां के आंचल–सी सर पे छाई।। समस्त जन को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई। ©Rimpi chaube

#मेरी_प्यारी_भाषा_हिन्दी #Quotes  White 
मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई।
मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई।
अपनापन का बोध कराती मेरी प्यारी भाषा हिंदी,
भावों को भावों में पिरोकर,जो भावपूर्ण है कर पाई।।
निज भाषा उन्नति की द्योतक,अन्य में न जिह्वा रस पाई।
हिंदी सिर्फ भाषा नही,ये मां के आंचल–सी सर पे छाई।।

समस्त जन को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई।

©Rimpi chaube

#मेरी_प्यारी_भाषा_हिन्दी मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मे

14 Love

#स्याही #कागज #लव

तू खरीद न पाया #कागज के टुकड़े कम होने से मैं लिख ना पाई #स्याही खत्म होने से..🖊️#@2🤦🏻🙆🏻‍♀️

180 View

#Thinking #Videos  White सवाल है आज की पढ़ी लिखी नौकरी पेशा वाली औरतों से !

आदमी तो हैं ही बदनाम ए औरत जात तू बता तुझे एक आदमी क्यों काफ़ी नहीं !

©ਸੀਰਿਯਸ jatt

#Thinking इसका कोई जवाब नहीं दे पा रही औरतें ! मुझे ये जानना चाहता हूं कि औरत जात में आज दगा बाड़ी क्यों पाई जाती है!

108 View

#happy_independence_day #मुश्किल #happyindependenceday #IndependenceDayIndia #IndependenceDay2024 #IndependenceDay2025  White // आजादी कैसे पाई थी //

देश के हजारों वीरो ने फांसी के फंदे पर झूले थे,
लाखो वीरो ने गोलियां भी यु खाई थी ।
तब कही बड़ी मुश्किल से हमने,
इस भारत में यु आजादी को पाई थी ।।

कहते है कि , कुछ सत्ता के लोभी थे यु लोग,
आजादी का वो चरखा चला कर खुद आई थी ।
तुम उन वीरों को वे अब भूल गए हैं,
जिन्होंने काल कोठरी में यातना पाई थी ।।

वीर सावरकर को अब भूल गए हैं,
जिसने आजादी की वो ज्योति जलाई थी ।
कील , कांटो और अपने नाखूनों से ,
आजादी का ये नारो को ,जिसने को लिखाई थी ।।

भगत सिंह को हम सब भूल गए हैं,
जिसने छोटी सी उम्र में यु फांसी खाई थी ।।
आजाद को अब कौन यु ही याद करे,
जिसने भारत को  , उन अंगरेजो के गुलामो से आजादी दिलाई थी

©बेजुबान शायर shivkumar
#wishes

जैसे राम भगवान ने आज के दिन बुराई पर विजय पाई थी वैसे भगवान भी तुम्हें बुराई पर विजय दिलाएंगे

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#वीडियो #fish

समुंदर की गहराई में पाई जाने वाली मछली #fish

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White मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मेरी प्यारी भाषा हिंदी, भावों को भावों में पिरोकर,जो भावपूर्ण है कर पाई।। निज भाषा उन्नति की द्योतक,अन्य में न जिह्वा रस पाई। हिंदी सिर्फ भाषा नही,ये मां के आंचल–सी सर पे छाई।। समस्त जन को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई। ©Rimpi chaube

#मेरी_प्यारी_भाषा_हिन्दी #Quotes  White 
मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई।
मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई।
अपनापन का बोध कराती मेरी प्यारी भाषा हिंदी,
भावों को भावों में पिरोकर,जो भावपूर्ण है कर पाई।।
निज भाषा उन्नति की द्योतक,अन्य में न जिह्वा रस पाई।
हिंदी सिर्फ भाषा नही,ये मां के आंचल–सी सर पे छाई।।

समस्त जन को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई।

©Rimpi chaube

#मेरी_प्यारी_भाषा_हिन्दी मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मे

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#स्याही #कागज #लव

तू खरीद न पाया #कागज के टुकड़े कम होने से मैं लिख ना पाई #स्याही खत्म होने से..🖊️#@2🤦🏻🙆🏻‍♀️

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#Thinking #Videos  White सवाल है आज की पढ़ी लिखी नौकरी पेशा वाली औरतों से !

आदमी तो हैं ही बदनाम ए औरत जात तू बता तुझे एक आदमी क्यों काफ़ी नहीं !

©ਸੀਰਿਯਸ jatt

#Thinking इसका कोई जवाब नहीं दे पा रही औरतें ! मुझे ये जानना चाहता हूं कि औरत जात में आज दगा बाड़ी क्यों पाई जाती है!

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#happy_independence_day #मुश्किल #happyindependenceday #IndependenceDayIndia #IndependenceDay2024 #IndependenceDay2025  White // आजादी कैसे पाई थी //

देश के हजारों वीरो ने फांसी के फंदे पर झूले थे,
लाखो वीरो ने गोलियां भी यु खाई थी ।
तब कही बड़ी मुश्किल से हमने,
इस भारत में यु आजादी को पाई थी ।।

कहते है कि , कुछ सत्ता के लोभी थे यु लोग,
आजादी का वो चरखा चला कर खुद आई थी ।
तुम उन वीरों को वे अब भूल गए हैं,
जिन्होंने काल कोठरी में यातना पाई थी ।।

वीर सावरकर को अब भूल गए हैं,
जिसने आजादी की वो ज्योति जलाई थी ।
कील , कांटो और अपने नाखूनों से ,
आजादी का ये नारो को ,जिसने को लिखाई थी ।।

भगत सिंह को हम सब भूल गए हैं,
जिसने छोटी सी उम्र में यु फांसी खाई थी ।।
आजाद को अब कौन यु ही याद करे,
जिसने भारत को  , उन अंगरेजो के गुलामो से आजादी दिलाई थी

©बेजुबान शायर shivkumar
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