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#loV€fOR€v€R #भक्ति #Friendship #viarl #each

कृष्ण और सुदामा की मित्रता..🫶❤️#tranding #viarl #loV€fOR€v€R #each #Friendship भक्ति सागर राधा कृष्ण के भजन भक्ति गीत भक्ति ऑडियो गाना Sush

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White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ। दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है, जिसमें मौन भी कहता है बात, हर लम्हा बेमिसाल है, जो जोड़ता है दिल से दिल के तार। कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों, पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है, तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है, जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है। तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ, हर पल को यादगार बनाएँ, कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या, हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ। ©#Mr.India

#Friendship #freinds #shayri #Shayar  White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं,
कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात,
मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो,
पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ।

दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है,
जिसमें मौन भी कहता है बात,
हर लम्हा बेमिसाल है,
जो जोड़ता है दिल से दिल के तार।

कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों,
पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है,
तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है,
जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है।

तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ,
हर पल को यादगार बनाएँ,
कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या,
हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ।

©#Mr.India

मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़र

15 Love

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

#loV€fOR€v€R #भक्ति #Friendship #viarl #each

कृष्ण और सुदामा की मित्रता..🫶❤️#tranding #viarl #loV€fOR€v€R #each #Friendship भक्ति सागर राधा कृष्ण के भजन भक्ति गीत भक्ति ऑडियो गाना Sush

99 View

White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ। दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है, जिसमें मौन भी कहता है बात, हर लम्हा बेमिसाल है, जो जोड़ता है दिल से दिल के तार। कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों, पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है, तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है, जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है। तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ, हर पल को यादगार बनाएँ, कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या, हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ। ©#Mr.India

#Friendship #freinds #shayri #Shayar  White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं,
कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात,
मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो,
पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ।

दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है,
जिसमें मौन भी कहता है बात,
हर लम्हा बेमिसाल है,
जो जोड़ता है दिल से दिल के तार।

कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों,
पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है,
तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है,
जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है।

तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ,
हर पल को यादगार बनाएँ,
कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या,
हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ।

©#Mr.India

मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़र

15 Love

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

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