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White स्त्री नख से शिख तक सुन्दर होती है, पुरुष नहीं, पुरुष का सौंदर्य उसके चेहरे पर तब उभरता है जब वह अपने साहस के बल पर विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल कर लेता है। गांव के बुजुर्ग कहते हैं पुरुष की प्रतिष्ठा उसकी स्त्री तय करती है, और स्त्री का सौंदर्य उसका पुरुष दोनों के बीच समर्पण हो तभी उनका संसार सुन्दर होता है..!! #priya ©Priya Chaudhary

#Priya  White स्त्री नख से शिख तक सुन्दर होती है,
पुरुष नहीं, पुरुष का सौंदर्य उसके चेहरे
पर तब उभरता है जब वह अपने साहस के
बल पर विपरीत परिस्थितियों को भी
अनुकूल कर लेता है। 
गांव के बुजुर्ग कहते हैं पुरुष की प्रतिष्ठा
उसकी स्त्री तय करती है,
और स्त्री का सौंदर्य उसका पुरुष
दोनों के बीच समर्पण हो तभी उनका
संसार सुन्दर होता है..!!

#priya

©Priya Chaudhary

प्रेम से सौन्दर्य उत्पन्न होता है

16 Love

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

White स्त्री नख से शिख तक सुन्दर होती है, पुरुष नहीं, पुरुष का सौंदर्य उसके चेहरे पर तब उभरता है जब वह अपने साहस के बल पर विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल कर लेता है। गांव के बुजुर्ग कहते हैं पुरुष की प्रतिष्ठा उसकी स्त्री तय करती है, और स्त्री का सौंदर्य उसका पुरुष दोनों के बीच समर्पण हो तभी उनका संसार सुन्दर होता है..!! #priya ©Priya Chaudhary

#Priya  White स्त्री नख से शिख तक सुन्दर होती है,
पुरुष नहीं, पुरुष का सौंदर्य उसके चेहरे
पर तब उभरता है जब वह अपने साहस के
बल पर विपरीत परिस्थितियों को भी
अनुकूल कर लेता है। 
गांव के बुजुर्ग कहते हैं पुरुष की प्रतिष्ठा
उसकी स्त्री तय करती है,
और स्त्री का सौंदर्य उसका पुरुष
दोनों के बीच समर्पण हो तभी उनका
संसार सुन्दर होता है..!!

#priya

©Priya Chaudhary

प्रेम से सौन्दर्य उत्पन्न होता है

16 Love

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

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