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New ज्योति दर्पण Status, Photo, Video

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White आसमान में कितने तारे ? लगते थे वो अपने सारे , अंधियारा में खोया दीप , लगते थे जो अपने प्यारे । please mention it in your story ©darpanpremka by Rajesh Rj

#darpanpremkabyrajeshrj #शायरी #दर्पण #darpanpremka #Sad_Status  White आसमान में कितने तारे ?
लगते थे वो अपने सारे , 
अंधियारा में खोया दीप ,
लगते थे जो अपने प्यारे ।

please mention it in your story

©darpanpremka by Rajesh Rj

आसमान में कितने तारे ? लगते थे वो अपने सारे , #Sad_Status #दर्पण #darpanpremka #darpanpremkabyrajeshrj #trnding #nojohindi #Star jha.jul

38 Love

White दीपक की ज्योति से जगमगाए जग सारा प्रकाशमय हो जीवन आपका और हमारा तिमीर का हर एक अंश हर ले दीपों का त्योहार आपके जीवन मे लाए दीपोत्सव खुशियाँ हाजार आपको हमारी ओर से मुबारक हो दीपों का ये त्योहार ©Bhupendra Rawat

#शायरी #happy_diwali  White दीपक की ज्योति से जगमगाए जग सारा
प्रकाशमय हो जीवन आपका और हमारा
तिमीर का हर एक अंश हर ले दीपों का त्योहार
आपके जीवन मे लाए दीपोत्सव खुशियाँ हाजार

आपको हमारी ओर से मुबारक हो दीपों का ये त्योहार

©Bhupendra Rawat

#happy_diwali दीपक की ज्योति से जगमगाए जग सारा प्रकाशमय हो जीवन आपका और हमारा तिमीर का हर एक अंश हर ले दीपों का त्योहार आपके जीवन मे लाए दीप

13 Love

White दीपों की ज्योति से जीवन को प्रकाशित करें, लक्ष्मी माँ का आशीर्वाद पाकर हर दिन को खास बनाएं। शुभ दीपावली! ©Srinivas

#भक्ति #diwali_wishes  White दीपों की ज्योति से जीवन को प्रकाशित करें, लक्ष्मी माँ का आशीर्वाद पाकर हर दिन को खास बनाएं। शुभ दीपावली!

©Srinivas

#diwali_wishes दीपों की ज्योति से जीवन को प्रकाशित करें, लक्ष्मी माँ का आशीर्वाद पाकर हर दिन को खास बनाएं। शुभ दीपावली!

14 Love

White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया, चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया। आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे, जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे। चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी, आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी। जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को, भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो। सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे, दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे। असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती, ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती। अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई, ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई। चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है, दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है। ©aditi the writer

#कविता #दर्पण  White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया

दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया,
चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया।
आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे,
जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे।

चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी,
आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी।
जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को,
भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो।

सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे,
दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे।
असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती,
ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती।

अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई,
ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई।
चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है,
दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है।

©aditi the writer

White #दर्पण समझा सदा कमज़ोर ख़ुद को ,अपनी काबलियत को कब जाना, जकड़ी रही ज़माने की बेड़ियों में ,मेरा वजूद भी रहा मुझसे अंजाना, एक कठपुतली के जैसे मै, जिंदगी भर नाचती रही, रो रोकर अपना गुमनाम सा , भाग्य बांचती रही, खो गए थे ख़्वाब भी, मेरे वक़्त की बयार में, चल रही थी जिंदगी मेरी, अपने पूरे रफ्तार में, बिलखे थे अरमान मेरे,मेरी अपनी नाकामी पर, कितने गहरे ज़ख्म लगे थे ,मेरी बेनाम जिंदगानी पर, फिर एक दिन जब 'दर्पण' में ख़ुद की, परछाई को निहारा था , पहचाना था तब ख़ुद को मैंने , मिला एक सहारा था, तोड़ कर हर बन्धन मैंने ,ज़ब ज़माने से नज़र मिलाई, मुझको मेरी शक्ति, मेरे मन दर्पण ने दिखलाई, निकल पड़ी फ़िर एक दिन ,अपनी पहचान बनाने को, कमज़ोर नही मैं साहसी हूँ , ये दुनिया को दिखलाने को ,।। पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#नोजोटोहिन्दी #पूनमकीकलमसे #मोटिवेशनल #दर्पण  White #दर्पण  

समझा  सदा  कमज़ोर  ख़ुद  को ,अपनी काबलियत को कब जाना,
जकड़ी रही ज़माने की बेड़ियों में ,मेरा वजूद भी रहा मुझसे अंजाना,

एक कठपुतली के जैसे मै, जिंदगी भर नाचती रही,
रो रोकर  अपना  गुमनाम सा ,   भाग्य बांचती रही, 

खो    गए    थे    ख़्वाब भी, मेरे    वक़्त की बयार में,
चल    रही      थी  जिंदगी मेरी, अपने  पूरे  रफ्तार में,

बिलखे        थे    अरमान मेरे,मेरी  अपनी नाकामी पर,
कितने   गहरे ज़ख्म लगे थे ,मेरी बेनाम जिंदगानी पर,

फिर    एक    दिन जब 'दर्पण' में ख़ुद की, परछाई को निहारा था ,
पहचाना      था     तब ख़ुद को मैंने  , मिला एक सहारा था,

तोड़ कर हर बन्धन मैंने ,ज़ब ज़माने से नज़र मिलाई,
मुझको   मेरी शक्ति, मेरे मन  दर्पण ने दिखलाई,

निकल पड़ी फ़िर एक दिन ,अपनी पहचान बनाने को,
कमज़ोर    नही मैं साहसी हूँ , ये दुनिया को दिखलाने को ,।।
                             
पूनम आत्रेय

©poonam atrey
#कविता

काव्य महारथी डॉ ज्योति कृष्ण , पुणे, महाराष्ट्र हिंदी दिवस पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता कविता कोश कविताएं

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White आसमान में कितने तारे ? लगते थे वो अपने सारे , अंधियारा में खोया दीप , लगते थे जो अपने प्यारे । please mention it in your story ©darpanpremka by Rajesh Rj

#darpanpremkabyrajeshrj #शायरी #दर्पण #darpanpremka #Sad_Status  White आसमान में कितने तारे ?
लगते थे वो अपने सारे , 
अंधियारा में खोया दीप ,
लगते थे जो अपने प्यारे ।

please mention it in your story

©darpanpremka by Rajesh Rj

आसमान में कितने तारे ? लगते थे वो अपने सारे , #Sad_Status #दर्पण #darpanpremka #darpanpremkabyrajeshrj #trnding #nojohindi #Star jha.jul

38 Love

White दीपक की ज्योति से जगमगाए जग सारा प्रकाशमय हो जीवन आपका और हमारा तिमीर का हर एक अंश हर ले दीपों का त्योहार आपके जीवन मे लाए दीपोत्सव खुशियाँ हाजार आपको हमारी ओर से मुबारक हो दीपों का ये त्योहार ©Bhupendra Rawat

#शायरी #happy_diwali  White दीपक की ज्योति से जगमगाए जग सारा
प्रकाशमय हो जीवन आपका और हमारा
तिमीर का हर एक अंश हर ले दीपों का त्योहार
आपके जीवन मे लाए दीपोत्सव खुशियाँ हाजार

आपको हमारी ओर से मुबारक हो दीपों का ये त्योहार

©Bhupendra Rawat

#happy_diwali दीपक की ज्योति से जगमगाए जग सारा प्रकाशमय हो जीवन आपका और हमारा तिमीर का हर एक अंश हर ले दीपों का त्योहार आपके जीवन मे लाए दीप

13 Love

White दीपों की ज्योति से जीवन को प्रकाशित करें, लक्ष्मी माँ का आशीर्वाद पाकर हर दिन को खास बनाएं। शुभ दीपावली! ©Srinivas

#भक्ति #diwali_wishes  White दीपों की ज्योति से जीवन को प्रकाशित करें, लक्ष्मी माँ का आशीर्वाद पाकर हर दिन को खास बनाएं। शुभ दीपावली!

©Srinivas

#diwali_wishes दीपों की ज्योति से जीवन को प्रकाशित करें, लक्ष्मी माँ का आशीर्वाद पाकर हर दिन को खास बनाएं। शुभ दीपावली!

14 Love

White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया, चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया। आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे, जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे। चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी, आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी। जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को, भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो। सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे, दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे। असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती, ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती। अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई, ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई। चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है, दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है। ©aditi the writer

#कविता #दर्पण  White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया

दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया,
चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया।
आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे,
जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे।

चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी,
आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी।
जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को,
भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो।

सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे,
दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे।
असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती,
ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती।

अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई,
ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई।
चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है,
दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है।

©aditi the writer

White #दर्पण समझा सदा कमज़ोर ख़ुद को ,अपनी काबलियत को कब जाना, जकड़ी रही ज़माने की बेड़ियों में ,मेरा वजूद भी रहा मुझसे अंजाना, एक कठपुतली के जैसे मै, जिंदगी भर नाचती रही, रो रोकर अपना गुमनाम सा , भाग्य बांचती रही, खो गए थे ख़्वाब भी, मेरे वक़्त की बयार में, चल रही थी जिंदगी मेरी, अपने पूरे रफ्तार में, बिलखे थे अरमान मेरे,मेरी अपनी नाकामी पर, कितने गहरे ज़ख्म लगे थे ,मेरी बेनाम जिंदगानी पर, फिर एक दिन जब 'दर्पण' में ख़ुद की, परछाई को निहारा था , पहचाना था तब ख़ुद को मैंने , मिला एक सहारा था, तोड़ कर हर बन्धन मैंने ,ज़ब ज़माने से नज़र मिलाई, मुझको मेरी शक्ति, मेरे मन दर्पण ने दिखलाई, निकल पड़ी फ़िर एक दिन ,अपनी पहचान बनाने को, कमज़ोर नही मैं साहसी हूँ , ये दुनिया को दिखलाने को ,।। पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#नोजोटोहिन्दी #पूनमकीकलमसे #मोटिवेशनल #दर्पण  White #दर्पण  

समझा  सदा  कमज़ोर  ख़ुद  को ,अपनी काबलियत को कब जाना,
जकड़ी रही ज़माने की बेड़ियों में ,मेरा वजूद भी रहा मुझसे अंजाना,

एक कठपुतली के जैसे मै, जिंदगी भर नाचती रही,
रो रोकर  अपना  गुमनाम सा ,   भाग्य बांचती रही, 

खो    गए    थे    ख़्वाब भी, मेरे    वक़्त की बयार में,
चल    रही      थी  जिंदगी मेरी, अपने  पूरे  रफ्तार में,

बिलखे        थे    अरमान मेरे,मेरी  अपनी नाकामी पर,
कितने   गहरे ज़ख्म लगे थे ,मेरी बेनाम जिंदगानी पर,

फिर    एक    दिन जब 'दर्पण' में ख़ुद की, परछाई को निहारा था ,
पहचाना      था     तब ख़ुद को मैंने  , मिला एक सहारा था,

तोड़ कर हर बन्धन मैंने ,ज़ब ज़माने से नज़र मिलाई,
मुझको   मेरी शक्ति, मेरे मन  दर्पण ने दिखलाई,

निकल पड़ी फ़िर एक दिन ,अपनी पहचान बनाने को,
कमज़ोर    नही मैं साहसी हूँ , ये दुनिया को दिखलाने को ,।।
                             
पूनम आत्रेय

©poonam atrey
#कविता

काव्य महारथी डॉ ज्योति कृष्ण , पुणे, महाराष्ट्र हिंदी दिवस पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता कविता कोश कविताएं

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