नवरात्रि का पर्व
नवरात्रि का पर्व है आया, माँ दुर्गा का स्वरूप है छाया।
हर दिल में जागी है आस्था,प्रभु से जुड़ने की ये राह सच्चा।
नौ रातों का पावन ये त्यौहार,हर दिन पूजन, हर दिन प्यार।
माँ शैलपुत्री से शुरू हुआ,कात्यायनी तक का मार्ग सजा।
देवी के हर रूप में शक्ति है,संघर्ष में जीतने की भक्ति है।
साधक के मन में उमंग छायी,आध्यात्मिक शक्ति ने राह दिखाई।
नृत्य गरबा का साथ है दिया,चारों ओर उल्लास का दिया।
नारी शक्ति का सम्मान करो,माँ दुर्गा से ये ज्ञान धरो।
नवरात्रि में जीवन को संवारो,भक्ति और शक्ति को निखारो।
माँ का आशीर्वाद सदा मिले,जीवन में सदा खुशी ही खिले।
©Ajita Bansal
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