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#तरुकीदुराशा #कवितावाचिका #संस्कृत #विचार #wellwisher_taru

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक तरु की दुराशा विधा निजी विचार भाव वास्तविक भवन्तः जानन्ति यत् भवन्तः दोषैः परिपूर्णाः स

153 View

#अग्निपरीक्षा #कवितावाचिका #संस्कृत #विचार #wellwisher_taru

स्वलिखित संस्कृत लेख भाग१ अद्यत्वे अपि अग्निप्रवेशम अद्यत्वे अपि स्थितिः प्रत्येकस्य महिलायाः अग्निप्रवेशम अस्ति। प्रतिक्षणं ददाति, जीवनस

108 View

#कवितावाचिका #संस्कृत #wellwhisher_taru #विचार #चांद

स्वलिखित संस्कृत रचना शीर्षक चन्द्रः न नियतः . . विधा मन के भाव भाषा शैली संस्कृत स्वलिखित रचना हिन्दी अनुवाद सहित

198 View

न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः। मोह नहीं यहां किसी वस्तु या व्यक्ति का सब यहां कुछ समय के लिए आज है कल नहीं There is no attachment to any thing or person, everything is here for some time, today and not tomorrow धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj

 न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।
मोह नहीं यहां किसी वस्तु या व्यक्ति का सब यहां कुछ समय के लिए आज है कल नहीं
There is no attachment to any thing or person, everything is here for some time, today and not tomorrow
धन्यवाद हर हर महादेव

©Mohan raj

Lessons न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।

17 Love

आलोचना हो या सम्मान मानये नहीं रखता, आध्यात्मिक पथ पर व्यक्ति को सब कुछ सहना पड़ता है, चाहे वह आलोचना हो या सम्मान हर स्थिति में शांत रहना होता है। आलोचना वा आदरः वा, तत् न स्वीकुर्वति, आध्यात्मिकमार्गे व्यक्तिः सर्वं वहितुं अर्हति, आलोचना वा आदरः वा, प्रत्येकस्मिन् परिस्थितौ शान्तं स्थातव्यम्। धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj

#Bhakti  आलोचना हो या सम्मान मानये नहीं रखता, आध्यात्मिक पथ पर व्यक्ति को सब कुछ सहना पड़ता है, चाहे वह आलोचना हो या सम्मान हर स्थिति में शांत  रहना होता है।
आलोचना वा आदरः वा, तत् न स्वीकुर्वति, आध्यात्मिकमार्गे व्यक्तिः सर्वं वहितुं अर्हति, आलोचना वा आदरः वा, प्रत्येकस्मिन् परिस्थितौ शान्तं स्थातव्यम्।
धन्यवाद हर हर महादेव

©Mohan raj

#Life Lessons आलोचना वा आदरः वा, तत् न स्वीकुर्वति, आध्यात्मिकमार्गे व्यक्तिः सर्वं वहितुं अर्हति, आलोचना वा आदरः वा, प्रत्येकस्मिन् परिस्थि

12 Love

#तरुकीदुराशा #कवितावाचिका #संस्कृत #विचार #wellwisher_taru

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक तरु की दुराशा विधा निजी विचार भाव वास्तविक भवन्तः जानन्ति यत् भवन्तः दोषैः परिपूर्णाः स

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#अग्निपरीक्षा #कवितावाचिका #संस्कृत #विचार #wellwisher_taru

स्वलिखित संस्कृत लेख भाग१ अद्यत्वे अपि अग्निप्रवेशम अद्यत्वे अपि स्थितिः प्रत्येकस्य महिलायाः अग्निप्रवेशम अस्ति। प्रतिक्षणं ददाति, जीवनस

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#कवितावाचिका #संस्कृत #wellwhisher_taru #विचार #चांद

स्वलिखित संस्कृत रचना शीर्षक चन्द्रः न नियतः . . विधा मन के भाव भाषा शैली संस्कृत स्वलिखित रचना हिन्दी अनुवाद सहित

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न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः। मोह नहीं यहां किसी वस्तु या व्यक्ति का सब यहां कुछ समय के लिए आज है कल नहीं There is no attachment to any thing or person, everything is here for some time, today and not tomorrow धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj

 न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।
मोह नहीं यहां किसी वस्तु या व्यक्ति का सब यहां कुछ समय के लिए आज है कल नहीं
There is no attachment to any thing or person, everything is here for some time, today and not tomorrow
धन्यवाद हर हर महादेव

©Mohan raj

Lessons न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।

17 Love

आलोचना हो या सम्मान मानये नहीं रखता, आध्यात्मिक पथ पर व्यक्ति को सब कुछ सहना पड़ता है, चाहे वह आलोचना हो या सम्मान हर स्थिति में शांत रहना होता है। आलोचना वा आदरः वा, तत् न स्वीकुर्वति, आध्यात्मिकमार्गे व्यक्तिः सर्वं वहितुं अर्हति, आलोचना वा आदरः वा, प्रत्येकस्मिन् परिस्थितौ शान्तं स्थातव्यम्। धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj

#Bhakti  आलोचना हो या सम्मान मानये नहीं रखता, आध्यात्मिक पथ पर व्यक्ति को सब कुछ सहना पड़ता है, चाहे वह आलोचना हो या सम्मान हर स्थिति में शांत  रहना होता है।
आलोचना वा आदरः वा, तत् न स्वीकुर्वति, आध्यात्मिकमार्गे व्यक्तिः सर्वं वहितुं अर्हति, आलोचना वा आदरः वा, प्रत्येकस्मिन् परिस्थितौ शान्तं स्थातव्यम्।
धन्यवाद हर हर महादेव

©Mohan raj

#Life Lessons आलोचना वा आदरः वा, तत् न स्वीकुर्वति, आध्यात्मिकमार्गे व्यक्तिः सर्वं वहितुं अर्हति, आलोचना वा आदरः वा, प्रत्येकस्मिन् परिस्थि

12 Love

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