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White स्नेह का जमघट, भेद भाव से परे; भरा पनघट ना तंत्र ना मंत्र खुले भाव से समर्पण करता यह छठी माई का त्योहार नए भारत ,स्वच्छ भारत , प्रकृति के महत्वों को दर्शाता हैं! इस स्नेहिल,ममतामई, छठी माई के पावन पर्व पर आप सभी लोगन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं बा । ।।जय छठी मईया।। ©लेखक ओझा

#GoodMorning #wishes  White स्नेह का जमघट,
भेद भाव से परे; भरा पनघट
ना तंत्र ना मंत्र खुले भाव से समर्पण
करता यह छठी माई का त्योहार
नए भारत ,स्वच्छ भारत ,
प्रकृति के महत्वों को दर्शाता हैं!

इस स्नेहिल,ममतामई, छठी माई के पावन पर्व पर
आप सभी लोगन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं बा ।

।।जय छठी मईया।।

©लेखक ओझा

#GoodMorning जय छठी माई

11 Love

White पल्लव की डायरी ठेस ना लगे किसी को लोग दिखावा पसन्द नही करते थे बराबरी से बैठने में ना शर्मिंदा हो गरीब इसलिये भेष भूषा और पोशाको से उसे आहत नही करते थे ईर्ष्या बैमनस्य से ना जले समाज परिवार इसलिये होड़ बढ़ाकर किसी के अंदर असन्तोष नही पनपने देते थे मगर आज दिखावे की बीमारी लोगो को हिंसक और प्रतिशोधी बना रही है बराबरी की होड़ में जिंदगी सबकी दाँव पर और तबाही की ओर जा रही है धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#nojotohindipoetry #कविता #Sad_Status  White पल्लव की डायरी
ठेस ना लगे किसी को
लोग दिखावा पसन्द नही करते थे
बराबरी से बैठने में ना शर्मिंदा हो गरीब
इसलिये भेष भूषा और पोशाको से 
उसे आहत नही करते थे
ईर्ष्या बैमनस्य से ना जले समाज परिवार
इसलिये होड़ बढ़ाकर
किसी के अंदर असन्तोष नही पनपने देते थे
मगर आज दिखावे की बीमारी
लोगो को हिंसक और प्रतिशोधी बना रही है
बराबरी की होड़ में जिंदगी
सबकी दाँव पर और तबाही की ओर जा रही है
धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Sad_Status धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है #nojotohindipoetry

24 Love

#वीडियो

थावे माई के दर्शन

135 View

मेहनत त हम करते बानी माई बस अब तोहार आशीर्वाद दारूरत बा..! good morning 6:00

90 View

#कॉमेडी

हिंदी फनी वीडियो#फनी जनता सिंह ट्रेन में दारु पी रहे थे

153 View

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।। भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा । कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।। राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप । मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।। जीवन के संताप , हरे सब राधा माई । यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।। सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा । उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।। राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ । सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।। खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर । आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।। उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा । सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विधा   कुण्डलिया :-
सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ ।
हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।।
रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते ।
व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।।
भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा ।
कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।।

राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप ।
मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।।
जीवन के संताप , हरे सब राधा माई ।
यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।।
सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा ।
उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।।

राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ ।
सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।।
खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर ।
आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।।
उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा ।
सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध

13 Love

White स्नेह का जमघट, भेद भाव से परे; भरा पनघट ना तंत्र ना मंत्र खुले भाव से समर्पण करता यह छठी माई का त्योहार नए भारत ,स्वच्छ भारत , प्रकृति के महत्वों को दर्शाता हैं! इस स्नेहिल,ममतामई, छठी माई के पावन पर्व पर आप सभी लोगन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं बा । ।।जय छठी मईया।। ©लेखक ओझा

#GoodMorning #wishes  White स्नेह का जमघट,
भेद भाव से परे; भरा पनघट
ना तंत्र ना मंत्र खुले भाव से समर्पण
करता यह छठी माई का त्योहार
नए भारत ,स्वच्छ भारत ,
प्रकृति के महत्वों को दर्शाता हैं!

इस स्नेहिल,ममतामई, छठी माई के पावन पर्व पर
आप सभी लोगन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं बा ।

।।जय छठी मईया।।

©लेखक ओझा

#GoodMorning जय छठी माई

11 Love

White पल्लव की डायरी ठेस ना लगे किसी को लोग दिखावा पसन्द नही करते थे बराबरी से बैठने में ना शर्मिंदा हो गरीब इसलिये भेष भूषा और पोशाको से उसे आहत नही करते थे ईर्ष्या बैमनस्य से ना जले समाज परिवार इसलिये होड़ बढ़ाकर किसी के अंदर असन्तोष नही पनपने देते थे मगर आज दिखावे की बीमारी लोगो को हिंसक और प्रतिशोधी बना रही है बराबरी की होड़ में जिंदगी सबकी दाँव पर और तबाही की ओर जा रही है धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#nojotohindipoetry #कविता #Sad_Status  White पल्लव की डायरी
ठेस ना लगे किसी को
लोग दिखावा पसन्द नही करते थे
बराबरी से बैठने में ना शर्मिंदा हो गरीब
इसलिये भेष भूषा और पोशाको से 
उसे आहत नही करते थे
ईर्ष्या बैमनस्य से ना जले समाज परिवार
इसलिये होड़ बढ़ाकर
किसी के अंदर असन्तोष नही पनपने देते थे
मगर आज दिखावे की बीमारी
लोगो को हिंसक और प्रतिशोधी बना रही है
बराबरी की होड़ में जिंदगी
सबकी दाँव पर और तबाही की ओर जा रही है
धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Sad_Status धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है #nojotohindipoetry

24 Love

#वीडियो

थावे माई के दर्शन

135 View

मेहनत त हम करते बानी माई बस अब तोहार आशीर्वाद दारूरत बा..! good morning 6:00

90 View

#कॉमेडी

हिंदी फनी वीडियो#फनी जनता सिंह ट्रेन में दारु पी रहे थे

153 View

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।। भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा । कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।। राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप । मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।। जीवन के संताप , हरे सब राधा माई । यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।। सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा । उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।। राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ । सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।। खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर । आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।। उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा । सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विधा   कुण्डलिया :-
सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ ।
हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।।
रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते ।
व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।।
भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा ।
कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।।

राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप ।
मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।।
जीवन के संताप , हरे सब राधा माई ।
यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।।
सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा ।
उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।।

राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ ।
सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।।
खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर ।
आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।।
उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा ।
सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध

13 Love

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