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New बोलक्या रेषा घनश्याम देशमुख Status, Photo, Video

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#घनश्याम #वीडियो #अभिजीत #खारा

#अभिजीत जिंदाबाद सै म्हारा #घनश्याम नै किम्मे कोनी करया #खारा पानी तै बाल भी चीड़पडे होंगे

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#मनहेरु #वीडियो

#मनहेरु से हारेगा घनश्याम शर्राफ

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#घनश्याम #वीडियो

#घनश्याम सर्राफ की हार पक्की

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White नयन के गाँव नैनों का कोई पैग़ाम आया तो! तुम्हारे सिक्त अधरों पर हमारा नाम आया तो! कि तय है रास की रचना पुनः इस पुण्य भारत में कलुष हरने को राधा सँग कोई घनश्याम आया तो ©Ghumnam Gautam

#घनश्याम #पुण्य #ghumnamgautam #Thinking #Quotes  White नयन के गाँव नैनों का कोई पैग़ाम आया तो!
तुम्हारे सिक्त अधरों पर हमारा नाम आया तो!
कि तय है रास की रचना पुनः इस पुण्य भारत में
कलुष हरने को राधा सँग कोई घनश्याम आया तो

©Ghumnam Gautam
#मोटिवेशनल #Sad_Status  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
हम सब कुछ न कुछ किसी न किसी कारण से कुछ भी करते रहते हैं, तो अकारण राम कहो, या घनश्याम कहो, हम तुम सब यहां अंजान है, पर राम धोड़े ही अनजान हैं, आज से नही आदि -अनादि संसार में राम ही राम समाया है, अन्य कोई नहीं है, चाहे तुम मानो या न मानो वो ही एक सैकड़ों जन्मो से हमारा है, किसी जीव को खाना 100 किलो, किसी को कितना, पहाड़ो में, समुद्र में, चराकर जगत में देता है, प्रतिदिन केवल वो ही सबका पालनहार है, और सदियों से है, सदियों तक रहेगा।। चाहे राम कहो - चाहे कहो घनश्याम। केवल एक वो ही हमारा सदियों से आज तक अभी तकहैं।। जय श्री राधेकृष्ण जी।।
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब कुछ न कुछ किसी न किसी कारण से कुछ भी करते रहते हैं, तो अकारण राम कहो, या घनश्याम कहो, हम तुम सब यह

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कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के तीर , प्रेम के वह रस घोले ।। ग्वाल-बाल का साथ , करे जिनका दुख आधा । वह ही है घनश्याम , चली जिनके सह राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  कुण्डलिया छन्द :-

राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम ।
आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।।
तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले ।
फिर यमुना के तीर , प्रेम के वह रस घोले ।।
ग्वाल-बाल का साथ , करे जिनका दुख आधा ।
वह ही है घनश्याम , चली जिनके सह राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के

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#घनश्याम #वीडियो #अभिजीत #खारा

#अभिजीत जिंदाबाद सै म्हारा #घनश्याम नै किम्मे कोनी करया #खारा पानी तै बाल भी चीड़पडे होंगे

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#मनहेरु #वीडियो

#मनहेरु से हारेगा घनश्याम शर्राफ

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#घनश्याम #वीडियो

#घनश्याम सर्राफ की हार पक्की

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White नयन के गाँव नैनों का कोई पैग़ाम आया तो! तुम्हारे सिक्त अधरों पर हमारा नाम आया तो! कि तय है रास की रचना पुनः इस पुण्य भारत में कलुष हरने को राधा सँग कोई घनश्याम आया तो ©Ghumnam Gautam

#घनश्याम #पुण्य #ghumnamgautam #Thinking #Quotes  White नयन के गाँव नैनों का कोई पैग़ाम आया तो!
तुम्हारे सिक्त अधरों पर हमारा नाम आया तो!
कि तय है रास की रचना पुनः इस पुण्य भारत में
कलुष हरने को राधा सँग कोई घनश्याम आया तो

©Ghumnam Gautam
#मोटिवेशनल #Sad_Status  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
हम सब कुछ न कुछ किसी न किसी कारण से कुछ भी करते रहते हैं, तो अकारण राम कहो, या घनश्याम कहो, हम तुम सब यहां अंजान है, पर राम धोड़े ही अनजान हैं, आज से नही आदि -अनादि संसार में राम ही राम समाया है, अन्य कोई नहीं है, चाहे तुम मानो या न मानो वो ही एक सैकड़ों जन्मो से हमारा है, किसी जीव को खाना 100 किलो, किसी को कितना, पहाड़ो में, समुद्र में, चराकर जगत में देता है, प्रतिदिन केवल वो ही सबका पालनहार है, और सदियों से है, सदियों तक रहेगा।। चाहे राम कहो - चाहे कहो घनश्याम। केवल एक वो ही हमारा सदियों से आज तक अभी तकहैं।। जय श्री राधेकृष्ण जी।।
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब कुछ न कुछ किसी न किसी कारण से कुछ भी करते रहते हैं, तो अकारण राम कहो, या घनश्याम कहो, हम तुम सब यह

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कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के तीर , प्रेम के वह रस घोले ।। ग्वाल-बाल का साथ , करे जिनका दुख आधा । वह ही है घनश्याम , चली जिनके सह राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  कुण्डलिया छन्द :-

राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम ।
आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।।
तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले ।
फिर यमुना के तीर , प्रेम के वह रस घोले ।।
ग्वाल-बाल का साथ , करे जिनका दुख आधा ।
वह ही है घनश्याम , चली जिनके सह राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के

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