कितनी कमाल की बात है ना दोस्तों....
पति-पत्नी जो की एक दूसरे के पूरक होते हैं,
वही एक दूसरे के सच्चे दोस्त भी कहलाते हैं।
जब रिश्ता टूट जाता है तो वही
एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं!
जो कल तक एक दूसरे के शुभचिंतक थे,
वह एक दूसरे को हानि पहुँचाते हैं।
जो कल तक एक दूसरे का हित चाहते थे,
वह एक दूसरे का अहित करना चाहते हैं।
जो कभी एक दूसरे के फेवरेट हुआ करते थे,
वही एक दूसरे को ब्लॉक कर देते हैं।
जो कभी एक दूसरे को भरपूर प्यार करते थे,
वही एक दूसरे से नफरत करने लग जाते हैं।
जो कभी एक दूजे बिन रह भी नहीं सकते थे,
वह एक दूसरे के बिना जीना सीख जाते हैं।
और जो मरते दम तक साथ निभाने का वादा करते थे,
वह दूसरे हमसफर का हाथ पकड़ कर निकल जाते हैं।
कितना अजीब यह इत्तेफाक हैं, कितनी अजीब यह बात है।
स्वरचित एवं मौलिक चिंतन ✍🏽सुमित मानधना 'गौरव' 💔
©SumitGaurav2005
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