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मेरी स्वरचित रचना प्रस्तुति की एक झलक quotes#hindi poetry on life

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लड़को की उम्र की कहानी..

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White " विचारो में भिन्नता " हम उस बंजर भूमि के प्राणि हैं जहां के लोगों को दूर के ढोल सुहांवन लगते हैं। मेहफिले तो यहां भी सजी हैं और वहां भी सजी हैं पर किसी को नदी नही नाली ही मनभावन लगते हैं।। बस नज़र और नजरिए का अन्तर हैं हुजुर देखो तो किसी को सौ हंड्रेड तो किसीको फिफ्टी टू बावन लगते हैं यहीं नहीं, सोचे तो ये उच्च नीच का भेद बड़ा अजीब है जो बुद्धि और विचारो से सब दुष्ट बामन लगते हैं।। पॉलिटिक्स ताकत के पीछे ये दुम हिलाते करते हैं चापलूसी। दूसरो को नीचा दिखाने में मिलती हैं इनको बहुत खुशी।। नफरत की निगाह से यहां सब एक दूसरे को देखते हैं। नियत की नियती कौन जानें फिर भी जालिम हाथ सेकते हैं।। काश उनमें स्नेह होता भाईचारा होता तो विकाश की बहती पावन धारा होता। प्रफूलित हों उठता सबका तन मन संघ दरिया में डूबे तिनके का सहारा होता।। पर गिरे हुए हैं कुछ असमाजिक तत्व लोग जो अक्सर गिराने में लगे हैं ख़ुद को भी औरों को भी करते हैं बेवजह अपमान ये अपनो को छोड़ते नहीं कभी गैरों को भी ।। कोई इन्हे लेवरचटवा धूर्त या चमचा भीं कहते हैं। ये पढ़े लिखे भ्रष्ट कभी किसी को भी मात दे देते हैं। अगर समझो तो ये मिट्टी सोना है और सोना मिट्टी हैं ऐसे लोगों को चुंगुला अशिष्ठ व्यभाचारी बेलचा कहते हैं।। बिगड़ा कुछ नहीं है यहां आपस की बस ताल मेल बिगड़ी हैं। बड़े मियां छोटे मियां के चक्कर में पक रही जली भूनी खीचड़ी हैं।। तू तू मैं मैं की होड़ लगी है अपना बनता जाए बस काम। ईमानदार सज्जन जाए भाड़ में बगल में छूरी मूख में राम।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi

#कविता #रचना #love_shayari  White " विचारो में भिन्नता "

हम उस बंजर भूमि के प्राणि हैं जहां के 
लोगों को दूर के ढोल सुहांवन लगते हैं।

मेहफिले तो यहां भी सजी हैं और वहां भी सजी हैं 
पर किसी को नदी नही नाली ही मनभावन लगते हैं।।

बस  नज़र और नजरिए का अन्तर हैं हुजुर देखो तो 
किसी को सौ हंड्रेड तो किसीको फिफ्टी टू बावन लगते हैं

यहीं नहीं, सोचे तो ये उच्च नीच का भेद बड़ा अजीब है
 जो बुद्धि और विचारो से सब दुष्ट बामन लगते हैं।।

पॉलिटिक्स ताकत के पीछे ये दुम हिलाते करते हैं चापलूसी।
दूसरो को नीचा दिखाने में मिलती हैं इनको बहुत खुशी।।

नफरत की निगाह से यहां सब एक दूसरे को देखते हैं।
नियत की नियती कौन जानें फिर भी जालिम हाथ सेकते हैं।।

काश उनमें स्नेह होता भाईचारा होता 
तो विकाश की बहती पावन धारा होता।

प्रफूलित हों उठता सबका तन मन संघ
दरिया में डूबे तिनके का सहारा होता।।

पर गिरे हुए हैं कुछ असमाजिक तत्व लोग 
जो अक्सर गिराने में लगे हैं ख़ुद को भी

 औरों को भी करते हैं बेवजह अपमान ये
अपनो को छोड़ते नहीं कभी गैरों को भी ।।

कोई इन्हे लेवरचटवा धूर्त या चमचा भीं कहते हैं।
ये पढ़े लिखे भ्रष्ट कभी  किसी को भी मात दे देते हैं।

अगर समझो तो ये मिट्टी सोना है और सोना मिट्टी हैं 
ऐसे लोगों को चुंगुला अशिष्ठ व्यभाचारी बेलचा कहते हैं।।

बिगड़ा कुछ नहीं है यहां आपस की बस ताल मेल बिगड़ी हैं।
बड़े मियां छोटे मियां के चक्कर में पक रही जली भूनी खीचड़ी हैं।।

तू तू मैं मैं की होड़ लगी है अपना बनता जाए बस काम।
 ईमानदार सज्जन जाए भाड़ में बगल में छूरी मूख में राम।।

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी
               भोजपुर बिहार

©Prakash Vidyarthi

White संपूर्ण अवतार वाणी एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है ©Kesh Karan nishad

 White संपूर्ण अवतार वाणी 
एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है
शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है

©Kesh Karan nishad

## प्रभु की रचना##

12 Love

#मोटिवेशनल #guru_purnima  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवान श्रीकृष्ण शरणं मम 🙏
🌹श्री गुरू शरणं मम 🙏🌹
चिन्तामणि केवल लौकिक सुख 
दे सकती है, कल्पवृक्ष अधिक से 
अधिक स्वर्ग की सम्पत्ति दे सकता है,
 परन्तु गुरूदेव प्रसन्न होकर भगवान 
का योगिदुर्लभ नित्य वैकुण्ठ धाम दे देते हैं। 
कृपानाथ गुरूवर के चरणारविन्द में 
कोटिशः वन्दन 🙏🌹

©N S Yadav GoldMine

#guru_purnima {Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्रीकृष्ण शरणं मम 🙏 🌹श्री गुरू शरणं मम 🙏🌹 चिन्तामणि केवल लौकिक सुख दे सकती है, कल्पवृक्ष अधिक स

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#मोटिवेशनल

परमेश्वर की रचना

153 View

मेरी स्वरचित रचना प्रस्तुति की एक झलक quotes#hindi poetry on life

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लड़को की उम्र की कहानी..

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White " विचारो में भिन्नता " हम उस बंजर भूमि के प्राणि हैं जहां के लोगों को दूर के ढोल सुहांवन लगते हैं। मेहफिले तो यहां भी सजी हैं और वहां भी सजी हैं पर किसी को नदी नही नाली ही मनभावन लगते हैं।। बस नज़र और नजरिए का अन्तर हैं हुजुर देखो तो किसी को सौ हंड्रेड तो किसीको फिफ्टी टू बावन लगते हैं यहीं नहीं, सोचे तो ये उच्च नीच का भेद बड़ा अजीब है जो बुद्धि और विचारो से सब दुष्ट बामन लगते हैं।। पॉलिटिक्स ताकत के पीछे ये दुम हिलाते करते हैं चापलूसी। दूसरो को नीचा दिखाने में मिलती हैं इनको बहुत खुशी।। नफरत की निगाह से यहां सब एक दूसरे को देखते हैं। नियत की नियती कौन जानें फिर भी जालिम हाथ सेकते हैं।। काश उनमें स्नेह होता भाईचारा होता तो विकाश की बहती पावन धारा होता। प्रफूलित हों उठता सबका तन मन संघ दरिया में डूबे तिनके का सहारा होता।। पर गिरे हुए हैं कुछ असमाजिक तत्व लोग जो अक्सर गिराने में लगे हैं ख़ुद को भी औरों को भी करते हैं बेवजह अपमान ये अपनो को छोड़ते नहीं कभी गैरों को भी ।। कोई इन्हे लेवरचटवा धूर्त या चमचा भीं कहते हैं। ये पढ़े लिखे भ्रष्ट कभी किसी को भी मात दे देते हैं। अगर समझो तो ये मिट्टी सोना है और सोना मिट्टी हैं ऐसे लोगों को चुंगुला अशिष्ठ व्यभाचारी बेलचा कहते हैं।। बिगड़ा कुछ नहीं है यहां आपस की बस ताल मेल बिगड़ी हैं। बड़े मियां छोटे मियां के चक्कर में पक रही जली भूनी खीचड़ी हैं।। तू तू मैं मैं की होड़ लगी है अपना बनता जाए बस काम। ईमानदार सज्जन जाए भाड़ में बगल में छूरी मूख में राम।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi

#कविता #रचना #love_shayari  White " विचारो में भिन्नता "

हम उस बंजर भूमि के प्राणि हैं जहां के 
लोगों को दूर के ढोल सुहांवन लगते हैं।

मेहफिले तो यहां भी सजी हैं और वहां भी सजी हैं 
पर किसी को नदी नही नाली ही मनभावन लगते हैं।।

बस  नज़र और नजरिए का अन्तर हैं हुजुर देखो तो 
किसी को सौ हंड्रेड तो किसीको फिफ्टी टू बावन लगते हैं

यहीं नहीं, सोचे तो ये उच्च नीच का भेद बड़ा अजीब है
 जो बुद्धि और विचारो से सब दुष्ट बामन लगते हैं।।

पॉलिटिक्स ताकत के पीछे ये दुम हिलाते करते हैं चापलूसी।
दूसरो को नीचा दिखाने में मिलती हैं इनको बहुत खुशी।।

नफरत की निगाह से यहां सब एक दूसरे को देखते हैं।
नियत की नियती कौन जानें फिर भी जालिम हाथ सेकते हैं।।

काश उनमें स्नेह होता भाईचारा होता 
तो विकाश की बहती पावन धारा होता।

प्रफूलित हों उठता सबका तन मन संघ
दरिया में डूबे तिनके का सहारा होता।।

पर गिरे हुए हैं कुछ असमाजिक तत्व लोग 
जो अक्सर गिराने में लगे हैं ख़ुद को भी

 औरों को भी करते हैं बेवजह अपमान ये
अपनो को छोड़ते नहीं कभी गैरों को भी ।।

कोई इन्हे लेवरचटवा धूर्त या चमचा भीं कहते हैं।
ये पढ़े लिखे भ्रष्ट कभी  किसी को भी मात दे देते हैं।

अगर समझो तो ये मिट्टी सोना है और सोना मिट्टी हैं 
ऐसे लोगों को चुंगुला अशिष्ठ व्यभाचारी बेलचा कहते हैं।।

बिगड़ा कुछ नहीं है यहां आपस की बस ताल मेल बिगड़ी हैं।
बड़े मियां छोटे मियां के चक्कर में पक रही जली भूनी खीचड़ी हैं।।

तू तू मैं मैं की होड़ लगी है अपना बनता जाए बस काम।
 ईमानदार सज्जन जाए भाड़ में बगल में छूरी मूख में राम।।

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी
               भोजपुर बिहार

©Prakash Vidyarthi

White संपूर्ण अवतार वाणी एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है ©Kesh Karan nishad

 White संपूर्ण अवतार वाणी 
एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है
शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है

©Kesh Karan nishad

## प्रभु की रचना##

12 Love

#मोटिवेशनल #guru_purnima  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवान श्रीकृष्ण शरणं मम 🙏
🌹श्री गुरू शरणं मम 🙏🌹
चिन्तामणि केवल लौकिक सुख 
दे सकती है, कल्पवृक्ष अधिक से 
अधिक स्वर्ग की सम्पत्ति दे सकता है,
 परन्तु गुरूदेव प्रसन्न होकर भगवान 
का योगिदुर्लभ नित्य वैकुण्ठ धाम दे देते हैं। 
कृपानाथ गुरूवर के चरणारविन्द में 
कोटिशः वन्दन 🙏🌹

©N S Yadav GoldMine

#guru_purnima {Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्रीकृष्ण शरणं मम 🙏 🌹श्री गुरू शरणं मम 🙏🌹 चिन्तामणि केवल लौकिक सुख दे सकती है, कल्पवृक्ष अधिक स

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#मोटिवेशनल

परमेश्वर की रचना

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