Unsplash वल्लाह छोटा मुंह बड़ी बात करना ही नहीं था,
तुझे मगरूर से ताल्लुक बढ़ाना ही नहीं था//१
जाना जब निकल रही हो तेज तपिश,तो फिर
तुझे तपिश मे जाके कपड़े सुखाना ही नहीं था//२
किसी कमजर्फ से लगा अपने दिल को,फिर
ये सिलसिला तुझे आगे बढ़ाना ही नहीं था//३
जब बढ़ चुके,इश्क़ मे,इश्क़ की हद से आगे,तो
फिर तुझे सनम को चश्म से गिराना ही नहीं था//४
अब होके तुझपे निसार,थाम चुके तेरा दामन,
के"शमा"का तो बातिल से फ़साना ही नहीं था//५
#Shamawritesbebaak
©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
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