खूबसूरत हैं वो
अपने लहज़े में
साज़ में,आवाज़ में
बहुत खूबसूरत हैं वो
अपनी मासूम सी मुस्कराहट मे
झुकी हुई नज़रो में
अपनी कम से कमतर बातो में
अपनी ख़ुशबुओ में लिपटा हुआ
मेरी जानिब से यू गुज़रता हुआ
बहुत , खूबसूरत हैं वो
अपने रंग में रुप में
उसकी क़ाबिलित से ज़माना जो रखता हैं
उस रंज मे
बेहद
खूबसूरत हैं वो
उसकी तारीफ के लिए लफ्ज़ कम पड़ेंगे
मेरे क़दम हर जनम उसकी तरफ बढ़ेंगे
अपनी दुनिया में मशरूफ़ सही
वो मुझसे बेरुख और मगरूर सही
अपनी हर ख़ूबियों खामियों के साथ
मेरे इकतरफ़ा ईश्क़ की सब नाकामियों के साथ
बहुत खूबसूरत हैं वो
उसे क्या जुरूरत
वो मेरी तरफ आए
मै ही पागल हु मरे जाती हूं
सब ख़बर रख के
बेखबर हैं वो
मेरी साँसों का आखिरी सफर हैं वो
मेरी शय से इकलौती मुक़म्मल ज़िद हैं वो
मेरे वजूद को हासिल
फ़ानी ज़द हैं वो
ज़माना चाहता हैं मुझ से छीन लेना सब
वो मेरा हैं भी नही
फिर भी सिर्फ मेरा हैं
नही इतना ही नही
और भी बहुत कुछ हैं बाकी
मै बयां नही कर सकती मेरी ऐसी ज़रूरत हैं वो
यक़ीनन
बेहद खूबसूरत हैं वो...
©ashita pandey बेबाक़
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here