White क्या कहूं तुम्हें, तेरे किरदार अनेक,
तुमसे ही इस जहान का वजूद है नेक।
तुम सबसे ताकतवर, सबसे मजबूत हो,
तेरे हौसलों से ही हर कोई ऊँचाई छूता है, जो।
तुम न हो, तो कलाई सूनी रह जाती है,
बहनों के बिना, क्या खुशियाँ मनाई जाती हैं?
तुम न हो, तो ममता का अहसास कहाँ से आए,
इक पिता कैसे अपने बच्चे को गले लगाए?
तुम न हो, तो कामयाबी की सीढ़ी कौन चढ़े,
हर जीत की कहानी तेरे बिना अधूरी पड़े।
तुम्हें हर बार बेवजह शर्मिंदा किया जाता है,
पर तुम फिर भी परिवार की खातिर सब सह जाती हो, हंसकर निभाती हो।
अपने लिए जीना छोड़, परिवार के लिए जीती हो,
जब तुम हाथ थामती हो, सपनों में रंग भरती हो।
अपने सपनों की कीमत पर, दूसरों के सपनों को आकार देती हो,
हर मोड़ पर जीवन को नव आकार देती हो।
तुम्हारे पढ़ाए संस्कार और मूल्य अनमोल हैं,
तुम्हारे बिना ये जीवन अधूरा और गोल है।
सात फेरों के साथ इक नई दुनिया बसाती हो,
अनजान शहर में भी, तुम घर सी रौशनी लाती हो।
तुम्हारी ममता, हिम्मत और धैर्य की कोई मिसाल नहीं,
इक औरत हो तुम, और तुम्हारे बिना ये संसार नहीं।
©Dilbag-Heart of Garden
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