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New केन्द्रीय विद्यालय प्रवेश 2020-21 Status, Photo, Video

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Unsplash केंद्रीय विद्यालय संगठन का सफ़र 15 दिसंबर 1963 में हुआ था गठन, सेंट्रल स्कूल के नाम से शुरू हुआ था संगठन। 20 रेजिमेंटल विद्यालय बने थे देने को शिक्षा, उनके बच्चों को जो करते हैं देश की सुरक्षा। शिक्षा मंत्रालय की और से देश को मिला वरदान था, 1965 को संगठन को मिला नया नाम था। ज्ञान की रोशनी लेकर फैलाया उजियारा, देश से विदेश तक बढ़ा संगठन हमारा। देश को 1,253 विद्यालयों की मिली हुई है सौगात, जहां ज्ञान विज्ञान से चमकता भविष्य प्रभात । विदेश में विद्यालय हैं काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में, केंद्रीय विद्यालय संगठन सर्वोपरि संगठन है ज्ञान में। चलो बात करते हैं संगठन के मिशन की, 'तत् त्वं पूषन् अपावृणु' ध्येय लेकर संगठन के विजन की। विद्यालयी शिक्षा को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाना है, शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और नवाचार को बढ़ाना है। राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना को विकसित करना है , छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता को पोषित करना है। तमसो मा ज्योतिर्गमय के साथ तक्षशिला और नालंदा का इतिहास दोहराना है, भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय को लाना है। आओ इस 62वें स्थापना दिवस पर हम करते हैं ये प्रण, शिक्षा, ज्ञान – विज्ञान से उजला हो भारत का कण कण। ©Deepali Singh Chauhan

#कविता #Book  Unsplash  केंद्रीय विद्यालय संगठन का सफ़र 

15 दिसंबर 1963 में हुआ था गठन,
सेंट्रल स्कूल के नाम से शुरू हुआ था संगठन।
20 रेजिमेंटल विद्यालय बने थे देने को शिक्षा,
उनके बच्चों को जो करते हैं देश की सुरक्षा।
शिक्षा मंत्रालय की और से देश को मिला वरदान था,
1965 को संगठन को मिला नया नाम था।


ज्ञान की रोशनी लेकर फैलाया उजियारा,
देश से विदेश तक बढ़ा संगठन हमारा।
देश को 1,253 विद्यालयों की मिली हुई है सौगात,
जहां ज्ञान विज्ञान से चमकता  भविष्य प्रभात ।
विदेश में विद्यालय हैं काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में,
केंद्रीय विद्यालय संगठन सर्वोपरि संगठन है ज्ञान में।

चलो बात करते हैं संगठन के मिशन की,
 'तत् त्वं पूषन् अपावृणु' ध्येय लेकर संगठन के विजन की।
विद्यालयी शिक्षा को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाना है,
शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और नवाचार को बढ़ाना है।
राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना को विकसित करना है ,
छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता को पोषित करना है।
तमसो मा ज्योतिर्गमय के साथ तक्षशिला और नालंदा का इतिहास दोहराना है,
भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय को लाना है।

  आओ इस 62वें स्थापना दिवस पर हम करते हैं ये प्रण,
शिक्षा, ज्ञान – विज्ञान से उजला हो  भारत का कण कण।

©Deepali Singh Chauhan

#Book केंद्रीय विद्यालय संगठन

13 Love

White आंखें ढूंढ़ती हैं तुम्हे.... काश दुनिया में तुम ही तुम होती....!!!! ❤️🫰 ©Dr Anoop

#sad_dp  White आंखें ढूंढ़ती हैं तुम्हे....

काश दुनिया में तुम ही तुम होती....!!!! ❤️🫰

©Dr Anoop

#sad_dp 21

23 Love

𝙀𝙫𝙚𝙣𝙞𝙣𝙜 𝙨𝙝𝙖𝙙𝙚𝙨 𝙩𝙚𝙡𝙡 𝙮𝙤𝙪 𝙨𝙤 𝙢𝙖𝙣𝙮 𝙨𝙩𝙤𝙧𝙞𝙚𝙨 𝙐𝙉𝘿𝙀𝙍𝙎𝙏𝘼𝙉𝘿 𝙏𝙃𝘼𝙏 𝙄𝙁 𝙔𝙊𝙐 𝘾𝘼𝙉 ©Nirmala Pant

#🤐🤐🤐🤐🤐🤐 #Motivational  𝙀𝙫𝙚𝙣𝙞𝙣𝙜 𝙨𝙝𝙖𝙙𝙚𝙨 𝙩𝙚𝙡𝙡 𝙮𝙤𝙪
 𝙨𝙤 𝙢𝙖𝙣𝙮 𝙨𝙩𝙤𝙧𝙞𝙚𝙨
𝙐𝙉𝘿𝙀𝙍𝙎𝙏𝘼𝙉𝘿 𝙏𝙃𝘼𝙏
𝙄𝙁 𝙔𝙊𝙐 𝘾𝘼𝙉

©Nirmala Pant

#𝙨𝙪𝙣𝙨𝙚𝙩 21/10

23 Love

#21 oct 2024

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Unsplash केंद्रीय विद्यालय संगठन का सफ़र 15 दिसंबर 1963 में हुआ था गठन, सेंट्रल स्कूल के नाम से शुरू हुआ था संगठन। 20 रेजिमेंटल विद्यालय बने थे देने को शिक्षा, उनके बच्चों को जो करते हैं देश की सुरक्षा। शिक्षा मंत्रालय की और से देश को मिला वरदान था, 1965 को संगठन को मिला नया नाम था। ज्ञान की रोशनी लेकर फैलाया उजियारा, देश से विदेश तक बढ़ा संगठन हमारा। देश को 1,253 विद्यालयों की मिली हुई है सौगात, जहां ज्ञान विज्ञान से चमकता भविष्य प्रभात । विदेश में विद्यालय हैं काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में, केंद्रीय विद्यालय संगठन सर्वोपरि संगठन है ज्ञान में। चलो बात करते हैं संगठन के मिशन की, 'तत् त्वं पूषन् अपावृणु' ध्येय लेकर संगठन के विजन की। विद्यालयी शिक्षा को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाना है, शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और नवाचार को बढ़ाना है। राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना को विकसित करना है , छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता को पोषित करना है। तमसो मा ज्योतिर्गमय के साथ तक्षशिला और नालंदा का इतिहास दोहराना है, भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय को लाना है। आओ इस 62वें स्थापना दिवस पर हम करते हैं ये प्रण, शिक्षा, ज्ञान – विज्ञान से उजला हो भारत का कण कण। ©Deepali Singh Chauhan

#कविता #Book  Unsplash  केंद्रीय विद्यालय संगठन का सफ़र 

15 दिसंबर 1963 में हुआ था गठन,
सेंट्रल स्कूल के नाम से शुरू हुआ था संगठन।
20 रेजिमेंटल विद्यालय बने थे देने को शिक्षा,
उनके बच्चों को जो करते हैं देश की सुरक्षा।
शिक्षा मंत्रालय की और से देश को मिला वरदान था,
1965 को संगठन को मिला नया नाम था।


ज्ञान की रोशनी लेकर फैलाया उजियारा,
देश से विदेश तक बढ़ा संगठन हमारा।
देश को 1,253 विद्यालयों की मिली हुई है सौगात,
जहां ज्ञान विज्ञान से चमकता  भविष्य प्रभात ।
विदेश में विद्यालय हैं काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में,
केंद्रीय विद्यालय संगठन सर्वोपरि संगठन है ज्ञान में।

चलो बात करते हैं संगठन के मिशन की,
 'तत् त्वं पूषन् अपावृणु' ध्येय लेकर संगठन के विजन की।
विद्यालयी शिक्षा को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाना है,
शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और नवाचार को बढ़ाना है।
राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना को विकसित करना है ,
छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता को पोषित करना है।
तमसो मा ज्योतिर्गमय के साथ तक्षशिला और नालंदा का इतिहास दोहराना है,
भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय को लाना है।

  आओ इस 62वें स्थापना दिवस पर हम करते हैं ये प्रण,
शिक्षा, ज्ञान – विज्ञान से उजला हो  भारत का कण कण।

©Deepali Singh Chauhan

#Book केंद्रीय विद्यालय संगठन

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#sad_dp  White आंखें ढूंढ़ती हैं तुम्हे....

काश दुनिया में तुम ही तुम होती....!!!! ❤️🫰

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#🤐🤐🤐🤐🤐🤐 #Motivational  𝙀𝙫𝙚𝙣𝙞𝙣𝙜 𝙨𝙝𝙖𝙙𝙚𝙨 𝙩𝙚𝙡𝙡 𝙮𝙤𝙪
 𝙨𝙤 𝙢𝙖𝙣𝙮 𝙨𝙩𝙤𝙧𝙞𝙚𝙨
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#21 oct 2024

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