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New कविता वासनिक के जस गीत Status, Photo, Video

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#कविता

मैं पवन जैन अपने एक गीत के साथ..गीत के बोल हैं........ "प्रिय कभी तो आकर देखो.. उस मोलसरी के पेड़ तले!"

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White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari

#कविता  White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द 


जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं ,
सहकार सारे आंधी तूफान और धूप 
इंसानों के काम आता हूं। 


अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, 
जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर 
मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो 
कभी शमशानों में जलाया जाता हूं।
इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं 


बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, 
फिर भी मेरी जरूरत  समझ नहीं पता है।
बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को
अपना दर्द छुपा लेता हूं।
इंसानों के हर जरूरत में काम आता है 


मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, 
कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी।
बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी 
तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो 
तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी 
करोगे मेरी देखभाल तो, 
प्रकृति में संकट नहीं आएगी l
अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l

©Akriti Tiwari

वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी

7 Love

#मराठीकविता

स्वामी समर्थ भक्ती गीत # छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम

72 View

रास्ता सुनसान जैसा, युद्ध के मैदान जैसा, वेदना करती कवायद, वक़्त इम्तिहान जैसा, कामना की चाह में दिल, जल रहा लोबान जैसा, ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, बदलते ईमान जैसा, करूँ निगरानी कृषक सा, खेत में मचान जैसा, मिले पलभर का सुकूँ भी, गाँव के दालान जैसा, मीत ऐसा मिला 'गुंजन', गीत के उन्वान जैसा, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #गीत  रास्ता  सुनसान  जैसा, 
युद्ध  के  मैदान  जैसा,

वेदना  करती  कवायद, 
वक़्त  इम्तिहान  जैसा,

कामना की चाह में दिल, 
जल रहा लोबान जैसा,

ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, 
बदलते    ईमान    जैसा,

करूँ निगरानी कृषक सा, 
खेत   में    मचान   जैसा,

मिले पलभर का सुकूँ भी,
गाँव   के   दालान  जैसा,

मीत  ऐसा  मिला 'गुंजन', 
गीत   के  उन्वान   जैसा,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
     समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#गीत के उन्वान जैसा#

12 Love

#शायरी #sad_shayari

#sad_shayari कारगिल के युद्ध को दिखा गीत

153 View

#शायरी #love_shayari

#love_shayari आया सावन झूम के गीत

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#कविता

मैं पवन जैन अपने एक गीत के साथ..गीत के बोल हैं........ "प्रिय कभी तो आकर देखो.. उस मोलसरी के पेड़ तले!"

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White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari

#कविता  White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द 


जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं ,
सहकार सारे आंधी तूफान और धूप 
इंसानों के काम आता हूं। 


अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, 
जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर 
मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो 
कभी शमशानों में जलाया जाता हूं।
इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं 


बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, 
फिर भी मेरी जरूरत  समझ नहीं पता है।
बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को
अपना दर्द छुपा लेता हूं।
इंसानों के हर जरूरत में काम आता है 


मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, 
कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी।
बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी 
तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो 
तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी 
करोगे मेरी देखभाल तो, 
प्रकृति में संकट नहीं आएगी l
अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l

©Akriti Tiwari

वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी

7 Love

#मराठीकविता

स्वामी समर्थ भक्ती गीत # छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम

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रास्ता सुनसान जैसा, युद्ध के मैदान जैसा, वेदना करती कवायद, वक़्त इम्तिहान जैसा, कामना की चाह में दिल, जल रहा लोबान जैसा, ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, बदलते ईमान जैसा, करूँ निगरानी कृषक सा, खेत में मचान जैसा, मिले पलभर का सुकूँ भी, गाँव के दालान जैसा, मीत ऐसा मिला 'गुंजन', गीत के उन्वान जैसा, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #गीत  रास्ता  सुनसान  जैसा, 
युद्ध  के  मैदान  जैसा,

वेदना  करती  कवायद, 
वक़्त  इम्तिहान  जैसा,

कामना की चाह में दिल, 
जल रहा लोबान जैसा,

ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, 
बदलते    ईमान    जैसा,

करूँ निगरानी कृषक सा, 
खेत   में    मचान   जैसा,

मिले पलभर का सुकूँ भी,
गाँव   के   दालान  जैसा,

मीत  ऐसा  मिला 'गुंजन', 
गीत   के  उन्वान   जैसा,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
     समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#गीत के उन्वान जैसा#

12 Love

#शायरी #sad_shayari

#sad_shayari कारगिल के युद्ध को दिखा गीत

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#शायरी #love_shayari

#love_shayari आया सावन झूम के गीत

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