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"आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; लेकर सुगंध हवा बह रही, रस प्रेम का घोल रही। डाली डाली पात पात, कोकिला का मधुर गान; ॠतुराज का स्वागत करने, सजधज धरती है तैयार।।" Basant Panchami 🏵️ ©Anjali Singhal

#basantpanchami #AnjaliSinghal #Spring #Basant  "आया मौसम बसंत का,
पतझड़ का अंत हुआ;
जग में शोभा अनंत है छाई,
खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं।

पीली-पीली सरसों फूली,
बौरें आमों में उठ झूलीं;
लेकर सुगंध हवा बह रही,
रस प्रेम का घोल रही।

डाली डाली पात पात,
कोकिला का मधुर गान;
ॠतुराज का स्वागत करने,
सजधज धरती है तैयार।।"

Basant Panchami 🏵️

©Anjali Singhal

"आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; ल

15 Love

White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा, सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में, तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में। बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार, जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार। पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी है जरूरी, फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी। चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी। कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो, प्यार का इज़हार करने से किसी से भी ना डरो। या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो, ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005

#अनुप्रास #YourQuoteAndMine #anupras_alankar #sumitkikalamse #sumitmandhana #love_shayari  White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा,
सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। 

क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में,
तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में।

बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार,
जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार।

पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी  है जरूरी,
फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी।

चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, 
सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी।

कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो,
प्यार का इज़हार करने से किसी से  भी ना डरो।

या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो,
ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎

©SumitGaurav2005

अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प

21 Love

(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार

#BirthDay #लव  (प्राणप्रिया)
चंचल मन तू चंचला प्रिया।
पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।।
दिव्यस्वरुपनी  तू दिव्या प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया ।।

रमा-रूपी तू कांता प्रिया।
हरिप्रिया  तू प्राण प्रिया।।
श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।

अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया।
घर की तु पद्मा प्रिया।।
उपवन की तू कुसुम  प्रिया
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

आलय की तू वामा प्रिया ।
सुख-दुख की तू छवि प्रिया।।
आँगन की तू आह्लाद प्रिया ।
चंचल मन तू चंचला प्रिया ।।

आकांक्षा की तू मयूख प्रिया।
समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।।
घरनी तू घरवाली प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

बाग की तू गुल प्रिया।
आँगन की तू शोभा प्रिया।।
परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

©संगीत कुमार

#BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-

12 Love

"आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; लेकर सुगंध हवा बह रही, रस प्रेम का घोल रही। डाली डाली पात पात, कोकिला का मधुर गान; ॠतुराज का स्वागत करने, सजधज धरती है तैयार।।" Basant Panchami 🏵️ ©Anjali Singhal

#basantpanchami #AnjaliSinghal #Spring #Basant  "आया मौसम बसंत का,
पतझड़ का अंत हुआ;
जग में शोभा अनंत है छाई,
खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं।

पीली-पीली सरसों फूली,
बौरें आमों में उठ झूलीं;
लेकर सुगंध हवा बह रही,
रस प्रेम का घोल रही।

डाली डाली पात पात,
कोकिला का मधुर गान;
ॠतुराज का स्वागत करने,
सजधज धरती है तैयार।।"

Basant Panchami 🏵️

©Anjali Singhal

"आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; ल

15 Love

White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा, सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में, तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में। बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार, जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार। पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी है जरूरी, फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी। चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी। कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो, प्यार का इज़हार करने से किसी से भी ना डरो। या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो, ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005

#अनुप्रास #YourQuoteAndMine #anupras_alankar #sumitkikalamse #sumitmandhana #love_shayari  White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा,
सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। 

क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में,
तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में।

बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार,
जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार।

पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी  है जरूरी,
फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी।

चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, 
सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी।

कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो,
प्यार का इज़हार करने से किसी से  भी ना डरो।

या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो,
ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎

©SumitGaurav2005

अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प

21 Love

(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार

#BirthDay #लव  (प्राणप्रिया)
चंचल मन तू चंचला प्रिया।
पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।।
दिव्यस्वरुपनी  तू दिव्या प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया ।।

रमा-रूपी तू कांता प्रिया।
हरिप्रिया  तू प्राण प्रिया।।
श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।

अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया।
घर की तु पद्मा प्रिया।।
उपवन की तू कुसुम  प्रिया
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

आलय की तू वामा प्रिया ।
सुख-दुख की तू छवि प्रिया।।
आँगन की तू आह्लाद प्रिया ।
चंचल मन तू चंचला प्रिया ।।

आकांक्षा की तू मयूख प्रिया।
समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।।
घरनी तू घरवाली प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

बाग की तू गुल प्रिया।
आँगन की तू शोभा प्रिया।।
परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

©संगीत कुमार

#BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-

12 Love

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