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New अपरदन को परिभाषित करो Status, Photo, Video

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#मोटिवेशनल

जलना बंद करो

144 View

दुशासन ने चीरहरण किया,  प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

14 Love

#Videos

very good 👍🏻 कोई बहस मत करो औरत से बेवफ़ाओं को उनकी औकात दिखाओ!

108 View

#शायरी

शेरो शायरीअपनी दोस्ती को कुछ इस तरह बचा लिया करो

126 View

#मोटिवेशनल

कभी तो खुद को महसूस करो.. खुद से प्यार करो.. कट जायगी इसे कहीं तो रोक कर खुद से इजहार करो..

288 View

जाल नहीं फेंको घबराकर, करो मशक्कत जोर लगाकर, दरिया की मछलियाँ सयानी, चल देती हैं चारा खाकर, तोड़ नहीं पाओगे बादल, बरसेगा ये ख़ुद ही आकर, स्वाभिमान को जिन्दा रखना, माया बन जायेगी चाकर, आँसू और मुस्कान ख़ुशी में, मन ही मन मत रखो दबाकर, बाधाओं से मत घबराना, मंज़िल तक दम लेना जाकर, 'गुंजन' छेड़ो तार हृदय का, सुनो मधुर संगीत बजाकर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #करो  जाल  नहीं  फेंको  घबराकर, 
करो मशक्कत जोर लगाकर, 

दरिया की  मछलियाँ सयानी, 
चल  देती  हैं   चारा  खाकर, 

तोड़   नहीं   पाओगे   बादल, 
बरसेगा  ये  ख़ुद  ही  आकर, 

स्वाभिमान को जिन्दा रखना, 
माया   बन   जायेगी  चाकर, 

आँसू और  मुस्कान  ख़ुशी में, 
मन ही मन मत रखो दबाकर, 

बाधाओं   से   मत   घबराना, 
मंज़िल तक दम लेना जाकर, 

'गुंजन'  छेड़ो  तार  हृदय का, 
सुनो  मधुर  संगीत  बजाकर, 
 ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#करो मशक्कत जोर लगाकर#

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#मोटिवेशनल

जलना बंद करो

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दुशासन ने चीरहरण किया,  प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

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#शायरी

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कभी तो खुद को महसूस करो.. खुद से प्यार करो.. कट जायगी इसे कहीं तो रोक कर खुद से इजहार करो..

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जाल नहीं फेंको घबराकर, करो मशक्कत जोर लगाकर, दरिया की मछलियाँ सयानी, चल देती हैं चारा खाकर, तोड़ नहीं पाओगे बादल, बरसेगा ये ख़ुद ही आकर, स्वाभिमान को जिन्दा रखना, माया बन जायेगी चाकर, आँसू और मुस्कान ख़ुशी में, मन ही मन मत रखो दबाकर, बाधाओं से मत घबराना, मंज़िल तक दम लेना जाकर, 'गुंजन' छेड़ो तार हृदय का, सुनो मधुर संगीत बजाकर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #करो  जाल  नहीं  फेंको  घबराकर, 
करो मशक्कत जोर लगाकर, 

दरिया की  मछलियाँ सयानी, 
चल  देती  हैं   चारा  खाकर, 

तोड़   नहीं   पाओगे   बादल, 
बरसेगा  ये  ख़ुद  ही  आकर, 

स्वाभिमान को जिन्दा रखना, 
माया   बन   जायेगी  चाकर, 

आँसू और  मुस्कान  ख़ुशी में, 
मन ही मन मत रखो दबाकर, 

बाधाओं   से   मत   घबराना, 
मंज़िल तक दम लेना जाकर, 

'गुंजन'  छेड़ो  तार  हृदय का, 
सुनो  मधुर  संगीत  बजाकर, 
 ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#करो मशक्कत जोर लगाकर#

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