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White मुझे शाम के शौकीनों का शौक़ है अब, मुझे दिन वालों से क्या, रात वालों से क्या; मुझे "हमउम्रों" की फ़िक्र से फर्क पड़ता है, मेरे पहले वालों से क्या, बाद वालों से क्या। ©Deepanshu

#lifelessons #lifequotes #Sad_Status #lovelife #Heart  White मुझे शाम के शौकीनों का शौक़ है अब,
मुझे दिन वालों से क्या, रात वालों से क्या;
मुझे "हमउम्रों" की फ़िक्र से फर्क पड़ता है,
मेरे पहले वालों से क्या, बाद वालों से क्या।

©Deepanshu

White ना मृगनयनी मैं नैन लिखूंगा, ना स्व प्रभात उसको रैन लिखूंगा। ना हिरनी जैसी चाल लिखूंगा, ना काली घटाओं सा बाल लिखूंगा। ना गोरे गोरे गाल लिखूंगा, ना उसका "ची" सुर ताल लिखूंगा। ना पुष्पम उसके हाथ लिखूंगा, ना मनभावन उसकी बात लिखूंगा। ना आलौकिक मैं मुस्कान लिखूंगा, ना सज्जन उसके प्राण लिखूंगा। वो साधारण कन्या मुझसे मिलने वाली, मैं उसको लड़की "आम" लिखूंगा। ©Deepanshu

#lifelessons #lifequotes #Sad_Status #lovelife #Heart  White ना मृगनयनी मैं नैन लिखूंगा,
ना स्व प्रभात उसको रैन लिखूंगा।
ना हिरनी जैसी चाल लिखूंगा,
ना काली घटाओं सा बाल लिखूंगा।
ना गोरे गोरे गाल लिखूंगा,
ना उसका "ची" सुर ताल लिखूंगा।
ना पुष्पम उसके हाथ लिखूंगा,
ना मनभावन उसकी बात लिखूंगा।
ना आलौकिक मैं मुस्कान लिखूंगा,
ना सज्जन उसके प्राण लिखूंगा।

वो साधारण कन्या मुझसे मिलने वाली,
मैं उसको लड़की "आम" लिखूंगा।

©Deepanshu

................... ©Deepanshu

#lifelessons #lovequotes #lifequotes #lifequote #lovelife  ...................

©Deepanshu
#मराठीशायरी #poem

#love#poem

63 View

#शायरी

alone love

54 View

#love_shayari #lifelessons #lifequotes #lifequote #lovelife #alone  White उफ़! वो भीगी पलकें उसकी,
जिन्हे मैं आँखें बुझाए देखता हूँ;
मैं देखता हूँ उसके भीगे केश भी,
सब; लोगों से छिपाए देखता हूँ।

मेरी निगाहें उसके होठों पर जाती हैं,
मैं उनमें जीवन का सौन्दर्य देखता हूँ;
मैं निहारता हूँ उसके मटमैले चेहरे को भी,
मैं उसमे मिट्टी सा धैर्य देखता हूँ।

मैंने बंद किए सभी खिड़की - दरवाज़े,
उसकी वो धीमी गुफ्तगू सुनने के लिए;
आधे अँधेरे में, सभी पंखे तक बुझाए,
उसके श्वास की खुशबू सूँघने के लिए।

मैं कान बढ़ाता हूँ उसके हृदय की ओर,
मुझे लगा, ये मेरी जुस्तजू का अंत है;
फिर पर्दा उठता है, और अँधेरा अदृश्य,
कल्पित ये मेरी गुफ्तगू का अंत है।

©Deepanshu

White मुझे शाम के शौकीनों का शौक़ है अब, मुझे दिन वालों से क्या, रात वालों से क्या; मुझे "हमउम्रों" की फ़िक्र से फर्क पड़ता है, मेरे पहले वालों से क्या, बाद वालों से क्या। ©Deepanshu

#lifelessons #lifequotes #Sad_Status #lovelife #Heart  White मुझे शाम के शौकीनों का शौक़ है अब,
मुझे दिन वालों से क्या, रात वालों से क्या;
मुझे "हमउम्रों" की फ़िक्र से फर्क पड़ता है,
मेरे पहले वालों से क्या, बाद वालों से क्या।

©Deepanshu

White ना मृगनयनी मैं नैन लिखूंगा, ना स्व प्रभात उसको रैन लिखूंगा। ना हिरनी जैसी चाल लिखूंगा, ना काली घटाओं सा बाल लिखूंगा। ना गोरे गोरे गाल लिखूंगा, ना उसका "ची" सुर ताल लिखूंगा। ना पुष्पम उसके हाथ लिखूंगा, ना मनभावन उसकी बात लिखूंगा। ना आलौकिक मैं मुस्कान लिखूंगा, ना सज्जन उसके प्राण लिखूंगा। वो साधारण कन्या मुझसे मिलने वाली, मैं उसको लड़की "आम" लिखूंगा। ©Deepanshu

#lifelessons #lifequotes #Sad_Status #lovelife #Heart  White ना मृगनयनी मैं नैन लिखूंगा,
ना स्व प्रभात उसको रैन लिखूंगा।
ना हिरनी जैसी चाल लिखूंगा,
ना काली घटाओं सा बाल लिखूंगा।
ना गोरे गोरे गाल लिखूंगा,
ना उसका "ची" सुर ताल लिखूंगा।
ना पुष्पम उसके हाथ लिखूंगा,
ना मनभावन उसकी बात लिखूंगा।
ना आलौकिक मैं मुस्कान लिखूंगा,
ना सज्जन उसके प्राण लिखूंगा।

वो साधारण कन्या मुझसे मिलने वाली,
मैं उसको लड़की "आम" लिखूंगा।

©Deepanshu

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#lifelessons #lovequotes #lifequotes #lifequote #lovelife  ...................

©Deepanshu
#मराठीशायरी #poem

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#शायरी

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54 View

#love_shayari #lifelessons #lifequotes #lifequote #lovelife #alone  White उफ़! वो भीगी पलकें उसकी,
जिन्हे मैं आँखें बुझाए देखता हूँ;
मैं देखता हूँ उसके भीगे केश भी,
सब; लोगों से छिपाए देखता हूँ।

मेरी निगाहें उसके होठों पर जाती हैं,
मैं उनमें जीवन का सौन्दर्य देखता हूँ;
मैं निहारता हूँ उसके मटमैले चेहरे को भी,
मैं उसमे मिट्टी सा धैर्य देखता हूँ।

मैंने बंद किए सभी खिड़की - दरवाज़े,
उसकी वो धीमी गुफ्तगू सुनने के लिए;
आधे अँधेरे में, सभी पंखे तक बुझाए,
उसके श्वास की खुशबू सूँघने के लिए।

मैं कान बढ़ाता हूँ उसके हृदय की ओर,
मुझे लगा, ये मेरी जुस्तजू का अंत है;
फिर पर्दा उठता है, और अँधेरा अदृश्य,
कल्पित ये मेरी गुफ्तगू का अंत है।

©Deepanshu
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