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New हिंदू विवाह कायदा Status, Photo, Video

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Unsplash गुल को चमन, दरपन को सिंगार मिले, मेरे हिस्से में मुक़द्दर भी, दाग़दार मिले सच बोलके तन्हा हैं आज महफिल में झूठवालों को हजारों ही तरफदार मिले तरस आए सबके दिल की फटेहाली पे लोग जितने मिले सब ही कर्जदार मिले कैसे जिए कोई यहाँ मर्ज़ी के मुताबिक़ कोई उम्मीद नहीं,ज़िंदगी हमवार मिले इस तरह नींद से दुश्मनी कर ली हम ने ख़्वाब रातों में न आके, बार बार मिले न आवाज, न आहट, कोई सुनी हमने दरो दीवार अब ख़ुद से ही बेज़ार मिले वो तो दुश्मन था जो हमें अज़ीज़ लगा दोस्त जितने थे, सब ही नागवार मिले ©Lalit Saxena

#हिंदू #शायरी #lovelife  Unsplash गुल को चमन, दरपन को सिंगार मिले,
मेरे हिस्से में मुक़द्दर भी, दाग़दार मिले 

सच बोलके तन्हा हैं आज महफिल में
झूठवालों को हजारों ही तरफदार मिले 

तरस आए सबके दिल की फटेहाली पे
लोग जितने मिले सब ही कर्जदार मिले 

कैसे जिए कोई यहाँ मर्ज़ी के मुताबिक़
कोई उम्मीद नहीं,ज़िंदगी हमवार मिले 

इस तरह नींद से दुश्मनी कर ली हम ने
ख़्वाब रातों में न आके, बार बार मिले 

न आवाज, न आहट, कोई सुनी हमने
दरो दीवार अब ख़ुद से ही बेज़ार मिले 

वो तो दुश्मन था जो हमें अज़ीज़ लगा
दोस्त जितने थे, सब ही नागवार मिले

©Lalit Saxena

#lovelife #हिंदू शायरी

25 Love

Unsplash गुल को चमन, दरपन को सिंगार मिले, मेरे हिस्से में मुक़द्दर भी, दाग़दार मिले सच बोलके तन्हा हैं आज महफिल में झूठवालों को हजारों ही तरफदार मिले तरस आए सबके दिल की फटेहाली पे लोग जितने मिले सब ही कर्जदार मिले कैसे जिए कोई यहाँ मर्ज़ी के मुताबिक़ कोई उम्मीद नहीं,ज़िंदगी हमवार मिले इस तरह नींद से दुश्मनी कर ली हम ने ख़्वाब रातों में न आके, बार बार मिले न आवाज, न आहट, कोई सुनी हमने दरो दीवार अब ख़ुद से ही बेज़ार मिले वो तो दुश्मन था जो हमें अज़ीज़ लगा दोस्त जितने थे, सब ही नागवार मिले ©Lalit Saxena

#हिंदू #शायरी #lovelife  Unsplash गुल को चमन, दरपन को सिंगार मिले,
मेरे हिस्से में मुक़द्दर भी, दाग़दार मिले 

सच बोलके तन्हा हैं आज महफिल में
झूठवालों को हजारों ही तरफदार मिले 

तरस आए सबके दिल की फटेहाली पे
लोग जितने मिले सब ही कर्जदार मिले 

कैसे जिए कोई यहाँ मर्ज़ी के मुताबिक़
कोई उम्मीद नहीं,ज़िंदगी हमवार मिले 

इस तरह नींद से दुश्मनी कर ली हम ने
ख़्वाब रातों में न आके, बार बार मिले 

न आवाज, न आहट, कोई सुनी हमने
दरो दीवार अब ख़ुद से ही बेज़ार मिले 

वो तो दुश्मन था जो हमें अज़ीज़ लगा
दोस्त जितने थे, सब ही नागवार मिले

©Lalit Saxena

#lovelife #हिंदू शायरी

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