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#निशुल्क #वीडियो

#निशुल्क प्राकृतिक एवं एक्यूप्रेसर चिकित्सा शिविर मनहेरु

117 View

#प्राकृतिक #सेल्यूलोज #जिजीविषा #जानकारी #कैप्सूल #जिलेटिन

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C9KygChvkDx/?igsh=Ym4yZjFna3Z0NXBl #हिंदी #जानकारी #जिजीविषा #कैप्सूल #

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#पर्यावरण #कविता

White ये सारे देवता,,, जंगल, नदियों, पेड़ों, जानवरों, पहाड़ों.... के पास क्यों मिले???? क्यों वो कंक्रीट के साम्राज्य में अध्यात्म नहीं खोज पाए???????? ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् । छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदबित् ।। गीता : 15.1 ।। हरि ॐ ©Ram Yadav

#पर्यावरण #अध्यात्म #विचार #भारत #Krishna  White ये सारे देवता,,, 
जंगल, नदियों, पेड़ों, जानवरों, पहाड़ों....
के पास क्यों मिले????

क्यों वो कंक्रीट के साम्राज्य में अध्यात्म नहीं खोज पाए????????




ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् । 
छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदबित् ।। गीता : 15.1 ।।


हरि ॐ

©Ram Yadav

पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी  तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है  तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है  तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए  पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है  तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई  खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई  तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है  धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया  पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया  उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है  कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा  पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा  कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया  के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया  उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण #कविता  पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी 

तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है 
तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है 

तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए 
पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए
उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है 

तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई 
खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई 
तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है 

धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया 
पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया 
उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है 

कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा 
पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा 
कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है

गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया 
के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया 
उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

White दुनियां में मौजूद लगभग हर धर्म की किताबें पढ़ रहा हूं। लेकिन, किसी भी किताब में नाग, पीपल, बरगद, गंगा, कैलाश, चिड़िया, चूहा, हाथी, शेर, चींटी आदि का पूजन नहीं लिखा मिला।।।।। किस दर्जे के महान वैज्ञानिक रहे होंगे मेरे पूर्वज जो जानते थे जैव श्रृंखला का नियम यानी एक भी प्रजाति मिटी तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा। और फिर जाने कहां से आए वो मूर्ख विकसित मानव जिन्होंने इन परंपराओं पर धर्म की चादर लपेट दी🥹।।।।।।। कितने अविकसित और तुच्छ बुद्धि के मानव रहे होंगे जिन्होंने सभी जीवों को मानव जाति का सेवक बता दिया #अध्यात्म #पर्यावरण #भारत ©Ram Yadav

#पर्यावरण #अध्यात्म #विचार #भारत #Animals  White दुनियां में मौजूद लगभग हर धर्म की किताबें पढ़ रहा हूं।

लेकिन,

किसी भी किताब में 
नाग, पीपल, बरगद, गंगा, कैलाश, चिड़िया, चूहा, हाथी, शेर, चींटी आदि का पूजन नहीं लिखा मिला।।।।।

किस दर्जे के महान वैज्ञानिक रहे होंगे मेरे पूर्वज
जो जानते थे जैव श्रृंखला का नियम
यानी एक भी प्रजाति मिटी 
तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा।

और फिर जाने कहां से आए वो मूर्ख विकसित मानव
जिन्होंने इन परंपराओं पर धर्म की चादर लपेट दी🥹।।।।।।।

कितने अविकसित और तुच्छ बुद्धि के मानव रहे होंगे
जिन्होंने सभी जीवों को मानव जाति का सेवक बता दिया

#अध्यात्म #पर्यावरण #भारत

©Ram Yadav
#निशुल्क #वीडियो

#निशुल्क प्राकृतिक एवं एक्यूप्रेसर चिकित्सा शिविर मनहेरु

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विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C9KygChvkDx/?igsh=Ym4yZjFna3Z0NXBl #हिंदी #जानकारी #जिजीविषा #कैप्सूल #

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#पर्यावरण #कविता

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#पर्यावरण #अध्यात्म #विचार #भारत #Krishna  White ये सारे देवता,,, 
जंगल, नदियों, पेड़ों, जानवरों, पहाड़ों....
के पास क्यों मिले????

क्यों वो कंक्रीट के साम्राज्य में अध्यात्म नहीं खोज पाए????????




ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् । 
छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदबित् ।। गीता : 15.1 ।।


हरि ॐ

©Ram Yadav

पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी  तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है  तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है  तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए  पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है  तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई  खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई  तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है  धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया  पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया  उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है  कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा  पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा  कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया  के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया  उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

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तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है 
तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है 

तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए 
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तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है 

धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया 
पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया 
उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है 

कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा 
पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा 
कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है

गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया 
के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया 
उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

White दुनियां में मौजूद लगभग हर धर्म की किताबें पढ़ रहा हूं। लेकिन, किसी भी किताब में नाग, पीपल, बरगद, गंगा, कैलाश, चिड़िया, चूहा, हाथी, शेर, चींटी आदि का पूजन नहीं लिखा मिला।।।।। किस दर्जे के महान वैज्ञानिक रहे होंगे मेरे पूर्वज जो जानते थे जैव श्रृंखला का नियम यानी एक भी प्रजाति मिटी तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा। और फिर जाने कहां से आए वो मूर्ख विकसित मानव जिन्होंने इन परंपराओं पर धर्म की चादर लपेट दी🥹।।।।।।। कितने अविकसित और तुच्छ बुद्धि के मानव रहे होंगे जिन्होंने सभी जीवों को मानव जाति का सेवक बता दिया #अध्यात्म #पर्यावरण #भारत ©Ram Yadav

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किसी भी किताब में 
नाग, पीपल, बरगद, गंगा, कैलाश, चिड़िया, चूहा, हाथी, शेर, चींटी आदि का पूजन नहीं लिखा मिला।।।।।

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तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा।

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जिन्होंने सभी जीवों को मानव जाति का सेवक बता दिया

#अध्यात्म #पर्यावरण #भारत

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