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New झाशीची राणी लक्ष्मीबाई भाषण Status, Photo, Video

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#मोटिवेशनल #देशभक्ति #nojotohindi #देश #Cisf

🇮🇳 CRPF की एक लेडी कॉन्स्टेबल खुशबू चव्हाण ने पांच मिनिट के भाषण में देश के लिए क्या सुनाया आप स्वयं सुनिये..🇮🇳 #देश #देशभक्ति #Cisf #Nojoto

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गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person

#Motivational  गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। 

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार।

क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं

©person

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,

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#subhadrakumarichauhanjayanti #मोटिवेशनल #subhadrakumarichauhanpoetry #subhadrakumarichauhanquotes #subhadrakumarichauhan #कॉमेडी  White सुप्रीम सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म आज 16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद (  वर्तमान में प्रयागराज )  के निहालपुर गाँव में हुआ। वह एक मशहूर कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी भी थी। जिनको आज देशभक्ति की भावना विशेष रूप से समाज के लिए एक प्रेरणा का प्रतीक है। उन्होंने अपने द्वारा की गई रचना में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और समर्पण भाव का वर्णन करती है। उन्होंने अपने जीवन कल में 88 कविताऐं 46 कहानियाँ  की रचनाएँ की थी। उनका साहित्य और देश भक्ति में एक विशेष भाव था। आईए जानते है उनके द्वारा किए गए देश के प्रेम में कुछ महत्वपूर्ण कार्यों को: https://bit.ly/37MAkjI

#subhadrakumarichauhan #subhadrakumarichauhanpoetry #subhadrakumarichauhanquotes #subhadrakumarichauhanjayanti

©ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#sad_shayari #लव #शायरी #कविता #Love #कॉमेडी सुप्रीम सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म आज 16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद ( वर्तमान में प्रयागराज

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उपमान छन्द  दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थोड़ा भी चोखा ।। खुला सुबह से आज है , ठेका सरकारी । जी भर पीकर देख लो , भूलो तरकारी ।। निशिदिन जैसे आज भी , सोयेंगे बच्चे । बनो नही अब आप भी , कलयुग में सच्चे ।। गाँव-गाँव यह रीति है , सब करते थैय्या । मेरे तो सरपंच जी , है बड़का भैय्या ।। दिये न ढेला नोन का , बनते है दानी । देते भाषण मंच पर , बन जाते ज्ञानी ।। करना आज विचार सब , पग धरना धीरे । बिछे राह में शूल है , हम सबके तीरे ।। जाग गये तो भोर है , जीवन में तेरे । वरना राई नोन के , लेते रह फेरे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  उपमान छन्द 
दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा ।
रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।।
मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा ।
मिलता नही गरीब को , थोड़ा भी चोखा ।।

खुला सुबह से आज है , ठेका सरकारी ।
जी भर पीकर देख लो , भूलो तरकारी ।।
निशिदिन जैसे आज भी , सोयेंगे बच्चे ।
बनो नही अब आप भी , कलयुग में सच्चे ।।

गाँव-गाँव यह रीति है , सब करते थैय्या ।
मेरे तो सरपंच जी , है बड़का भैय्या ।।
दिये न ढेला नोन का , बनते है दानी ।
देते भाषण मंच पर , बन जाते ज्ञानी ।।

करना आज विचार सब , पग धरना धीरे ।
बिछे राह में शूल है , हम सबके तीरे ।।
जाग गये तो भोर है , जीवन में तेरे ।
वरना राई नोन के , लेते रह फेरे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

उपमान छन्द  दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थ

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#मोटिवेशनल #देशभक्ति #nojotohindi #देश #Cisf

🇮🇳 CRPF की एक लेडी कॉन्स्टेबल खुशबू चव्हाण ने पांच मिनिट के भाषण में देश के लिए क्या सुनाया आप स्वयं सुनिये..🇮🇳 #देश #देशभक्ति #Cisf #Nojoto

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गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person

#Motivational  गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। 

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार।

क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं

©person

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,

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#subhadrakumarichauhanjayanti #मोटिवेशनल #subhadrakumarichauhanpoetry #subhadrakumarichauhanquotes #subhadrakumarichauhan #कॉमेडी  White सुप्रीम सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म आज 16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद (  वर्तमान में प्रयागराज )  के निहालपुर गाँव में हुआ। वह एक मशहूर कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी भी थी। जिनको आज देशभक्ति की भावना विशेष रूप से समाज के लिए एक प्रेरणा का प्रतीक है। उन्होंने अपने द्वारा की गई रचना में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और समर्पण भाव का वर्णन करती है। उन्होंने अपने जीवन कल में 88 कविताऐं 46 कहानियाँ  की रचनाएँ की थी। उनका साहित्य और देश भक्ति में एक विशेष भाव था। आईए जानते है उनके द्वारा किए गए देश के प्रेम में कुछ महत्वपूर्ण कार्यों को: https://bit.ly/37MAkjI

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©ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

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उपमान छन्द  दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थोड़ा भी चोखा ।। खुला सुबह से आज है , ठेका सरकारी । जी भर पीकर देख लो , भूलो तरकारी ।। निशिदिन जैसे आज भी , सोयेंगे बच्चे । बनो नही अब आप भी , कलयुग में सच्चे ।। गाँव-गाँव यह रीति है , सब करते थैय्या । मेरे तो सरपंच जी , है बड़का भैय्या ।। दिये न ढेला नोन का , बनते है दानी । देते भाषण मंच पर , बन जाते ज्ञानी ।। करना आज विचार सब , पग धरना धीरे । बिछे राह में शूल है , हम सबके तीरे ।। जाग गये तो भोर है , जीवन में तेरे । वरना राई नोन के , लेते रह फेरे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  उपमान छन्द 
दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा ।
रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।।
मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा ।
मिलता नही गरीब को , थोड़ा भी चोखा ।।

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बनो नही अब आप भी , कलयुग में सच्चे ।।

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मेरे तो सरपंच जी , है बड़का भैय्या ।।
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बिछे राह में शूल है , हम सबके तीरे ।।
जाग गये तो भोर है , जीवन में तेरे ।
वरना राई नोन के , लेते रह फेरे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

उपमान छन्द  दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थ

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