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New रावण ने राम को मारा Status, Photo, Video

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White जन्मभूमि राम की, राम को ना जानते। कुछ मंदबुद्धि है यहां, जो राम को ना मानते । जन्म भूमि राम की, और राम को न जानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां , जो राम को ना मानते । रघुकुल की एक मर्यादा थी, वचनों पर जीवन सादा थी। दुःख की सीमा का अंत नहीं सुख जैसे आधा आधा थी। खुद भगवन जिसके कायल थे ये उन पर कीच उछालते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। कुछ मानवी पिशाच हैं, जो देव को ललकारते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। यह मांगते हैं साक्ष्य, और अंजाम को न जानते । कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो धू - धू करके जल गई , वह लंका भी एक गाथा है । जो धू धू करके जल गई, वह लंका भी एक गाथा है । कलयुग के रावण तुम सुन लो, हमें मजा चखाना आता है। जिसके वीर भक्त हनुमान हुए, तुम उनको ना पहचानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। थे राजपूत पर दंभ न था, वानर, केेंवट भी मित्र हुए। पग जहां जहां भी राम धरे धरती से नभ सब इत्र हुए। गुणगान नहीं कर सकते हैं, ये अपनी राग आलापते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो खुद को ना पहचानते। ये श्री राम को ना जानते। हर्षा मिश्रा ©harsha mishra

#कविता  White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

14 Love

#भक्ति  श्रीराम की कृपा से 
स्वरचित - रोला और कुंडलियां

प्रभु राम की कृपा से प्रभु राम को समर्पित

189 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} काम रावण, क्रोध रावण, मोह रावण, आचरण व व्यवहार रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने वाले इस रावण को, भगवान श्री राम का मन से चितन करते हुए, धर्म के आचरण करने से अपने अंदर के रावण को मारने का प्रयास करो।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #good_night  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
काम रावण, क्रोध रावण, मोह 
रावण, आचरण व व्यवहार 
रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने 
वाले इस रावण को, भगवान श्री राम
का मन से चितन करते हुए, धर्म के
आचरण करने से अपने अंदर के
रावण को मारने का प्रयास करो।।

©N S Yadav GoldMine

#good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} काम रावण, क्रोध रावण, मोह रावण, आचरण व व्यवहार रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने वाले इस रावण को, भगवान श

13 Love

#कॉमेडी #viralcomedy #Funny #viral

रामलाल ने चमेली को मारा 🤣🤣 #nojoto #comedy #Funny #viral #viralcomedy शायरी चुटकुले फनी शायरी जोक्स 'कॉमेडी वीडियो कॉम'

90 View

#शायरी

रावण बैठे हैं राम के भेष में शायरी दर्द

216 View

White ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा  हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा  थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में  मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा  मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा  अदालत के झूठे गवाहों ने मारा  हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा  हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा  मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा  बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में  हमेशा इन्हें  बेवफ़ाओं ने मारा  गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी  हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा  कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे  उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा  नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को  पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
हसीनों के कातिल इशारों ने मारा 
हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा 
थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में 
मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा 
मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा 
अदालत के झूठे गवाहों ने मारा 
हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा 
हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा 
मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा
जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा 
बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में 
हमेशा इन्हें  बेवफ़ाओं ने मारा 
गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी 
हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा 
कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे 
उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा 
नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को 
पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा  हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा  थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में  मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा  मुहब्ब

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White जन्मभूमि राम की, राम को ना जानते। कुछ मंदबुद्धि है यहां, जो राम को ना मानते । जन्म भूमि राम की, और राम को न जानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां , जो राम को ना मानते । रघुकुल की एक मर्यादा थी, वचनों पर जीवन सादा थी। दुःख की सीमा का अंत नहीं सुख जैसे आधा आधा थी। खुद भगवन जिसके कायल थे ये उन पर कीच उछालते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। कुछ मानवी पिशाच हैं, जो देव को ललकारते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। यह मांगते हैं साक्ष्य, और अंजाम को न जानते । कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो धू - धू करके जल गई , वह लंका भी एक गाथा है । जो धू धू करके जल गई, वह लंका भी एक गाथा है । कलयुग के रावण तुम सुन लो, हमें मजा चखाना आता है। जिसके वीर भक्त हनुमान हुए, तुम उनको ना पहचानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। थे राजपूत पर दंभ न था, वानर, केेंवट भी मित्र हुए। पग जहां जहां भी राम धरे धरती से नभ सब इत्र हुए। गुणगान नहीं कर सकते हैं, ये अपनी राग आलापते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो खुद को ना पहचानते। ये श्री राम को ना जानते। हर्षा मिश्रा ©harsha mishra

#कविता  White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

14 Love

#भक्ति  श्रीराम की कृपा से 
स्वरचित - रोला और कुंडलियां

प्रभु राम की कृपा से प्रभु राम को समर्पित

189 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} काम रावण, क्रोध रावण, मोह रावण, आचरण व व्यवहार रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने वाले इस रावण को, भगवान श्री राम का मन से चितन करते हुए, धर्म के आचरण करने से अपने अंदर के रावण को मारने का प्रयास करो।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #good_night  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
काम रावण, क्रोध रावण, मोह 
रावण, आचरण व व्यवहार 
रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने 
वाले इस रावण को, भगवान श्री राम
का मन से चितन करते हुए, धर्म के
आचरण करने से अपने अंदर के
रावण को मारने का प्रयास करो।।

©N S Yadav GoldMine

#good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} काम रावण, क्रोध रावण, मोह रावण, आचरण व व्यवहार रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने वाले इस रावण को, भगवान श

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#कॉमेडी #viralcomedy #Funny #viral

रामलाल ने चमेली को मारा 🤣🤣 #nojoto #comedy #Funny #viral #viralcomedy शायरी चुटकुले फनी शायरी जोक्स 'कॉमेडी वीडियो कॉम'

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#शायरी

रावण बैठे हैं राम के भेष में शायरी दर्द

216 View

White ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा  हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा  थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में  मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा  मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा  अदालत के झूठे गवाहों ने मारा  हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा  हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा  मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा  बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में  हमेशा इन्हें  बेवफ़ाओं ने मारा  गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी  हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा  कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे  उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा  नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को  पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
हसीनों के कातिल इशारों ने मारा 
हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा 
थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में 
मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा 
मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा 
अदालत के झूठे गवाहों ने मारा 
हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा 
हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा 
मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा
जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा 
बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में 
हमेशा इन्हें  बेवफ़ाओं ने मारा 
गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी 
हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा 
कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे 
उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा 
नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को 
पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा  हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा  थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में  मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा  मुहब्ब

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