tags

New पूर्णिमा कब की है Status, Photo, Video

Find the latest Status about पूर्णिमा कब की है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about पूर्णिमा कब की है.

  • Latest
  • Popular
  • Video

हंसती आंखें दिल रोता है, अपना चाहा कब होता है, गाने वाला रो दे अक़्सर, पाने वाला ही खोता है, राम नाम रटने वाला भी, फंसा जाल में ज्युं तोता है, रोज़ नहाये गंगा जल से, मन का मैल नहीं धोता है, पछताने से क्या होगा जब, बीज दुखों का ख़ुद बोता है, रात में करता है रखवाली, श्वान दिवस में ही सोता है, ज्ञान बिना दुनिया में गुंजन, भंवर बीच खाता गोता है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #अपना  हंसती आंखें दिल रोता है,
अपना चाहा कब होता है,

गाने  वाला  रो दे अक़्सर,
पाने  वाला  ही   खोता है,

राम नाम  रटने  वाला भी,
फंसा जाल में ज्युं तोता है,

रोज़ नहाये  गंगा  जल से,
मन का मैल नहीं धोता है,

पछताने से क्या होगा जब,
बीज दुखों का ख़ुद बोता है,

रात में  करता है  रखवाली,
श्वान दिवस में ही  सोता है,

ज्ञान बिना दुनिया में गुंजन,
भंवर  बीच  खाता गोता है,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'

©Shashi Bhushan Mishra

#अपना चाहा कब होता है#

12 Love

White aap sabhi ko Sard Purnima ki hardik shubhkamnaen🙏🙏🙏 ©V K

#विचार  White aap sabhi ko Sard Purnima ki hardik shubhkamnaen🙏🙏🙏

©V K

शर्द पूर्णिमा

11 Love

#कविता #sunset_time  White 
चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब पर है।
जीवन तो चल रही है यु ही आजकल लोग हों रहें हैं चांद, तारों से दूर जिंदगी जीए जा रहें हैं जैसे कोई हिसाब पर है।

शरद की पुर्णिमा तो बरस रही है।
कृष्ण से मिलने को राधा तरस रही है।
अब न जाने रास क्यों नहीं हो रहा है। दुःख से तड़प रहा इंसान,मानव भगवान से दूर कहीं खो रहा है। इसलिए इंसान रो रहा है।

शरद पूर्णिमा की चांद की खुबसूरती जैसे प्रिया मिलन को सजी है।
गहरे आकाश के माथे पर बसी कोई दुल्हन की बिंदी है।

मंद मंद हवा बह रही है रात शीतल है। पेड़ पौधों के पत्ते डोल रहें हैं।
तारों की बारात लेकर शरद की पुर्णिमा की चंद्रमा सुंदर सजी है।

शरद पूर्णिमा में मैं बेगाना कवि प्रियसी की याद में रो रहा हूं।
कब वो देंगी दर्शन मुझे बस यही चांद को देख सोच रहा हूं।

वादियों में आज अजीब सा नशा है।
क्यों की इस चांदनी रात में उसकी याद दिल में बसा है।
जनम जनम से उसकी ही तलाश है।
इस शरद पूर्णिमा में उस प्रभु से मिलन की आस है।

©IG @kavi_neetesh

#sunset_time Hinduism प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविताकविता। शरद पूर्णिमा। चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब प

126 View

#Bhakti

शरद पूर्णिमा

117 View

#वीडियो

"रात का रहस्य | चंद्रमा की पूर्णिमा की हत्याओं की जांच और रहस्यमय हत्यारा" - पूर्णिमा की रातों पर होने वाली हत्याएं पुलिस को उलझा देती हैं।

108 View

हंसती आंखें दिल रोता है, अपना चाहा कब होता है, गाने वाला रो दे अक़्सर, पाने वाला ही खोता है, राम नाम रटने वाला भी, फंसा जाल में ज्युं तोता है, रोज़ नहाये गंगा जल से, मन का मैल नहीं धोता है, पछताने से क्या होगा जब, बीज दुखों का ख़ुद बोता है, रात में करता है रखवाली, श्वान दिवस में ही सोता है, ज्ञान बिना दुनिया में गुंजन, भंवर बीच खाता गोता है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #अपना  हंसती आंखें दिल रोता है,
अपना चाहा कब होता है,

गाने  वाला  रो दे अक़्सर,
पाने  वाला  ही   खोता है,

राम नाम  रटने  वाला भी,
फंसा जाल में ज्युं तोता है,

रोज़ नहाये  गंगा  जल से,
मन का मैल नहीं धोता है,

पछताने से क्या होगा जब,
बीज दुखों का ख़ुद बोता है,

रात में  करता है  रखवाली,
श्वान दिवस में ही  सोता है,

ज्ञान बिना दुनिया में गुंजन,
भंवर  बीच  खाता गोता है,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'

©Shashi Bhushan Mishra

#अपना चाहा कब होता है#

12 Love

White aap sabhi ko Sard Purnima ki hardik shubhkamnaen🙏🙏🙏 ©V K

#विचार  White aap sabhi ko Sard Purnima ki hardik shubhkamnaen🙏🙏🙏

©V K

शर्द पूर्णिमा

11 Love

#कविता #sunset_time  White 
चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब पर है।
जीवन तो चल रही है यु ही आजकल लोग हों रहें हैं चांद, तारों से दूर जिंदगी जीए जा रहें हैं जैसे कोई हिसाब पर है।

शरद की पुर्णिमा तो बरस रही है।
कृष्ण से मिलने को राधा तरस रही है।
अब न जाने रास क्यों नहीं हो रहा है। दुःख से तड़प रहा इंसान,मानव भगवान से दूर कहीं खो रहा है। इसलिए इंसान रो रहा है।

शरद पूर्णिमा की चांद की खुबसूरती जैसे प्रिया मिलन को सजी है।
गहरे आकाश के माथे पर बसी कोई दुल्हन की बिंदी है।

मंद मंद हवा बह रही है रात शीतल है। पेड़ पौधों के पत्ते डोल रहें हैं।
तारों की बारात लेकर शरद की पुर्णिमा की चंद्रमा सुंदर सजी है।

शरद पूर्णिमा में मैं बेगाना कवि प्रियसी की याद में रो रहा हूं।
कब वो देंगी दर्शन मुझे बस यही चांद को देख सोच रहा हूं।

वादियों में आज अजीब सा नशा है।
क्यों की इस चांदनी रात में उसकी याद दिल में बसा है।
जनम जनम से उसकी ही तलाश है।
इस शरद पूर्णिमा में उस प्रभु से मिलन की आस है।

©IG @kavi_neetesh

#sunset_time Hinduism प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविताकविता। शरद पूर्णिमा। चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब प

126 View

#Bhakti

शरद पूर्णिमा

117 View

#वीडियो

"रात का रहस्य | चंद्रमा की पूर्णिमा की हत्याओं की जांच और रहस्यमय हत्यारा" - पूर्णिमा की रातों पर होने वाली हत्याएं पुलिस को उलझा देती हैं।

108 View

Trending Topic