"मुझे तेरे सिवा और कुछ नहीं चाहिए"
मैंने मांगी ही नहीं कभी खुशी तेरे सिवा,
मेरा हर ख्वाब बस तुझसे सजा तेरे सिवा।
ये जो सांसें भी चलती हैं, तुझसे चलती हैं,
तेरे बाद कोई अरमान बचा तेरे सिवा।
चाहा चांदनी को, तो तेरी सूरत सी लगी,
फूल छुआ तो हर पंखुरी लगी तेरे जैसी।
तेरे बिना ये ज़िंदगी अधूरी सी लगे,
जैसे कोई किताब हो पर दास्तां हो जैसी।
मुझे कुछ और क्या चाहिए इस जहान से,
तेरी धड़कन जुड़ी रहे मेरी जान से।
तू मिले तो मिट जाए हर दर्द का पता,
मैंने मांगी है दुआ सिर्फ तुझसे बंधा।
— तेरे सिवा कुछ भी पास न आए,
जमाने का हर सुख भी मुझे रास न आए।
©Aayushi Patel
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