White चमन मे चारसु चिंगारियां है,
जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१
नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,
तभी तो हों रहीं हर्राजियाँ है//२
कहीं पर रखके वो भुला मुहब्बत,
चलन मे नफरतों की तैयारियां है//३
तेरे पह्लु मे आकर बैठ जाऊं,
मेरे दिल में तेरी बेताबियां है//४
तुझे चाहूँ तुझे सोचूँ मुसलसल
मेरे दिल में तेरी बेचैनियां है//५
न बन पाये जो तु मेरा कभी भी,
मै समझूंगी तेरे शानो पे जिम्मदारियां है//६
लगे मैले चमन मे बद-अमन के,
मगर"शम्मा"से इनको क्यूं दुश्वरियां है//७
#Shamawritesbebaak
©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
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