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// मां स्कंदमाता // शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन मां के स्कंद रूप की पूजा की जाती है, भगवान स्कंद की माता होने के कारण स्कंद माता कहलाती है। मां के दो भुजाओं में कमल का फूल रहता है, मां दिल में जगह दे दो अपने हर भक्त यही कहता है। मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है, कुमकुम अक्षत गुड़हल माला चंदन से मां को मनाया जाता है। सिंह पर सवार मां सबके मन को भाती है, सभी भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण कर चतुर्भुजी कहलाती है। सबके मन में भक्ति का भाव भरकर सुख समृद्धि करती है, जो करते हैं दिल से भक्ति मां उनके सारे दुख दूर करती है। ©बेजुबान शायर shivkumar

 // मां स्कंदमाता //

शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन मां के स्कंद रूप की पूजा की जाती है,
भगवान स्कंद की माता होने के कारण स्कंद माता कहलाती है।

मां के दो भुजाओं में कमल का फूल रहता है,
मां दिल में जगह दे दो अपने हर भक्त यही कहता है।

मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है,
कुमकुम अक्षत गुड़हल माला चंदन से मां को मनाया जाता है।

सिंह पर सवार मां सबके मन को भाती है,
सभी भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण कर चतुर्भुजी कहलाती है।

सबके मन में भक्ति का भाव भरकर सुख समृद्धि करती है,
जो करते हैं दिल से भक्ति मां उनके सारे दुख दूर करती है।

©बेजुबान शायर shivkumar

#navratri #navratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navratri2027 #नवरात्रि @puja udeshi @poonam atrey @Sethi Ji @Aariya writer @Kshitija

15 Love

=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
===============================

शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

===========================

©बेजुबान शायर shivkumar

White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05

#मोटिवेशनल  White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा

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// मां स्कंदमाता // शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन मां के स्कंद रूप की पूजा की जाती है, भगवान स्कंद की माता होने के कारण स्कंद माता कहलाती है। मां के दो भुजाओं में कमल का फूल रहता है, मां दिल में जगह दे दो अपने हर भक्त यही कहता है। मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है, कुमकुम अक्षत गुड़हल माला चंदन से मां को मनाया जाता है। सिंह पर सवार मां सबके मन को भाती है, सभी भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण कर चतुर्भुजी कहलाती है। सबके मन में भक्ति का भाव भरकर सुख समृद्धि करती है, जो करते हैं दिल से भक्ति मां उनके सारे दुख दूर करती है। ©बेजुबान शायर shivkumar

 // मां स्कंदमाता //

शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन मां के स्कंद रूप की पूजा की जाती है,
भगवान स्कंद की माता होने के कारण स्कंद माता कहलाती है।

मां के दो भुजाओं में कमल का फूल रहता है,
मां दिल में जगह दे दो अपने हर भक्त यही कहता है।

मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है,
कुमकुम अक्षत गुड़हल माला चंदन से मां को मनाया जाता है।

सिंह पर सवार मां सबके मन को भाती है,
सभी भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण कर चतुर्भुजी कहलाती है।

सबके मन में भक्ति का भाव भरकर सुख समृद्धि करती है,
जो करते हैं दिल से भक्ति मां उनके सारे दुख दूर करती है।

©बेजुबान शायर shivkumar

#navratri #navratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navratri2027 #नवरात्रि @puja udeshi @poonam atrey @Sethi Ji @Aariya writer @Kshitija

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=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
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शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

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©बेजुबान शायर shivkumar

White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05

#मोटिवेशनल  White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा

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