हरियाणा
हरियाणवी संस्कृति की धरा पर,
खेतों में है खड़े किसान,
मेहनत से जुटे दिन और रात
हरियाणा की ये पहचान।
उनके हाथों में हल, उनके दिल में सपने,
सबका पेट भरे हैं अन्न से समझ के अपने
महिलाएं घाघरा चोली पहने, सिर पर पललू,
बेटे को यह प्यार से कहती मेरा कल्लू
खेतों में भी साथ कमावै बणकै ढेठी
ओलंपिक में मेडल लावे हरियाणा की बेटी
उनके हाथों में सुई, उनके दिल में प्यार,
गिद्दा खडवा घोड़ी नृत्य गाव गीत मल्हार।
हरियाणवी संस्कृति एक सुंदर सी कहानी है,
जिसमें मेहनत, संतोष,प्यार और मीठी बाणी।
गर्व से उस फौजी बेटे पै जो राखे देश का मान
यही है हरियाणवी संस्कृति की असली पहचान।
जो हमें गर्व और सम्मान से भर देती है।
कृपया बताएं कविता कैसी लगी
©Vijay Vidrohi
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here